उत्तर प्रदेश के रामपुर से पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के दिग्गल नेता आजम खान सितंबर महीने में जमानत पर जेल से रिहा हुए थे। जेल से बाहर आते ही सरकार ने उनकी Y कैटेगरी की सुरक्षा बहाल कर दी। लेकिन अब आजम खान ने बिना लिखित आश्वासन के इस सुरक्षा को लेने से साफ इनकार कर दिया है।
तंज भरा हमला: ‘मुर्गी-चोर को कैसे मिलेगी सुरक्षा?’आजम खान ने तीखा तंज कसते हुए कहा, “मैं मुर्गी-चोर, बकरी-चोर हूं। मुझे 21 साल की सजा मिली है, तो मुझे सुरक्षा कैसे मिल रही है? मेरा भरोसा ही नहीं है।” अपने अंदाज में कटाक्ष करते हुए उन्होंने जोड़ा कि अगर सुरक्षा देनी ही है, तो कम से कम उतनी मिले जितनी मेरे विरोधियों को दी जाती है। रामपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब तक कोई लिखित तहरीर (आधिकारिक सूचना) नहीं आ जाती, तब तक सुरक्षा लेने को तैयार नहीं हूं। हालात ने मुझे इतना सिखा दिया है।
आजम खान ने सरकारी जमीनों पर कथित नाजायज कब्जे हटाने के नाम पर उन्हें 21 साल की सजा और 36 लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। तंज कसते हुए बोले, “मीडिया की खबरों में तो मैं सजायाफ्ता मुजरिम हूं, जिसे सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। फिर मैं अभी कैसे ले लूं? बिना अधिकारिक जानकारी के उन पर भरोसा कैसे करूं?”
विरोधियों जितनी सुरक्षा की मांगसुरक्षा दस्ते पर सवाल उठाते हुए आजम खान ने कहा कि जो लोग पहली बार विधायक बने हैं, उन्हें Z प्लस से लेकर सेंट्रल फोर्स के कमांडो तक सुरक्षा दी जाती है। “अगर सुरक्षा देनी है तो कम से कम उतनी दें जितनी मेरे विरोधियों के पास है। पहले तो सिर्फ एक सिपाही मिला था, लेकिन अब दौरों पर जाने की हिम्मत नहीं होती। इलाज के लिए दिल्ली जाता हूं और अकेले ही लौट आता हूं। अगर किसी दिन हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदारी लेगा? बस विधानसभा और संसद में शोक व्यक्त हो जाएगा, सब कहेंगे कि मरहूम अच्छा आदमी था।”
खस्ता आर्थिक हालत का खुलासाY श्रेणी की सुरक्षा के सवाल पर आजम खान ने अपनी माली हालत का जिक्र किया। बोले, “सुरक्षा कर्मियों का खर्चा उठाने की मेरी मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें अलग गाड़ी कहां से दिलवाऊंगा?” उन्होंने सरकार से मांग की कि पहले लिखित में स्पष्ट करें कि किस श्रेणी की क्या सुरक्षा व्यवस्था मिल रही है। “मैं कैसे मान लूं कि ये खाकी वर्दी वाले उत्तर प्रदेश सरकार के लोग हैं? Y कैटेगरी में सब कुछ उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन मुझे ऐसा कुछ नहीं मिला।”
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