पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने प्रांत के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया है। यह दावा न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि पाकिस्तानी प्रशासन के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन गया है। बीएलए के इस बयान ने न केवल स्थानीय लोगों में दहशत पैदा की है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी इस ओर खींचा है।
बीएलए का दावा: पाकिस्तानी सेना की हार?
बीएलए ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तानी सेना अपनी कई चौकियों को छोड़कर भाग चुकी है। संगठन ने विशेष रूप से अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से सटे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने का दावा किया है। इन इलाकों में बीएलए की मौजूदगी ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन क्षेत्रों में स्थिति बेहद नाजुक हो गई है, और रोजमर्रा की जिंदगी ठप पड़ रही है। बीएलए के इस कदम ने बलूचिस्तान के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
आपातकाल जैसे हालात
पाकिस्तान के कई हिस्सों में इस घटना के बाद आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने लोगों को अपने घरों में रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। बाजार बंद हैं, स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है, और सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। स्थानीय लोग डर के साये में जी रहे हैं, और उन्हें भविष्य की अनिश्चितता सता रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बीएलए का यह कदम क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही असंतोष की भावना का नतीजा हो सकता है।
You may also like
Symptoms of stomach cancer : सुबह दिखने वाले इन 5 संकेतों को न करें नजरअंदाज
जय शाह ने कहा, 'आतंकवाद से हमारे देश की रक्षा करने के लिए हम अपने सशस्त्र बलों को सलाम करते हैं'
तकनीकी स्तर पर लड़ी जा रही लड़ाई : टीएस सिंह देव
भारत-पाक तनाव के मद्देनजर झारखंड में अलर्ट, सार्वजनिक स्थलों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा सख्त
रोहित-विराट सहित पूर्व क्रिकेटर्स ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों का समर्थन किया