पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास, प्यार और आपसी समझ का अनमोल बंधन है। यह वह रिश्ता है, जहां दो लोग एक-दूसरे की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन मुंबई के चेंबूर में हुई एक भयावह घटना ने इस पवित्र रिश्ते पर काला धब्बा लगा दिया। एक पति ने अपनी पत्नी की सहमति को ठुकराकर ऐसी क्रूरता दिखाई, जिसने न केवल एक परिवार को हिलाकर रख दिया, बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया।
घटना का भयावह सच30 मई की सुबह, चेंबूर के वाशिनाका इलाके में रहने वाली 38 वर्षीय महिला अपने रोजमर्रा के काम के लिए तैयार हो रही थी। वह जल्दी से नौकरी पर जाने की तैयारी में थी, तभी उसके पति ने शारीरिक संबंध बनाने की मांग की। महिला ने समय की कमी और काम की जल्दी का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। यह इनकार पति को नागवार गुजरा। गुस्से में आकर उसने मिट्टी का तेल अपनी पत्नी पर उड़ेल दिया और आग लगा दी। देखते ही देखते महिला आग की लपटों में घिर गई। उसकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों और राहगीरों ने उसे बचाया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
गंभीर हालत और कानूनी कार्रवाईमहिला 70 प्रतिशत से अधिक जल चुकी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। उसे मुंबई के सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं। दूसरी ओर, पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना न केवल घरेलू हिंसा की क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि सहमति के बिना शारीरिक संबंध की मांग करना कानूनी अपराध है।
सहमति का महत्वविवाह जैसे पवित्र रिश्ते में भी सहमति का स्थान सर्वोपरि है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह पति ही क्यों न हो, अपनी इच्छा को दूसरे पर थोप नहीं सकता। यह घटना समाज को यह सिखाती है कि रिश्तों में आपसी समझ और सम्मान की कितनी जरूरत है। महिला की मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती करना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह भारतीय दंड संहिता के तहत एक गंभीर अपराध भी है।
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