New Delhi, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों को तत्काल लागू करने की मांग करने वाली याचिका को लिस्ट करने से इनकार कर दिया है. आज एक वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका को कल यानी 12 नवंबर को लिस्ट करने की मांग की, लेकिन न्यायालय ने इस याचिका को लिस्ट करने से इनकार कर दिया.याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने न्यायालय से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मसले पर जो सुनवाई लंबित है, उसमें वे अंतरिम अर्जी दाखिल कर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों को तत्काल लागू करने की मांग कर रहे हैं. तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि किसने याचिका दायर की है. तब वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता एक वकील थे, जो पर्यावरण संबंधी कानूनों के विशेषज्ञ हैं. तब चीफ जस्टिस ने कहा कि इस न्यायालय में कई वकील हैं, जो पर्यावरण संबंधी कानूनों के विशेषज्ञ हैं. तब वकील ने कहा कि उनकी याचिका को कल एमसी मेहता के केस में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाए. एमसी मेहता केस दिल्ली के वायु प्रदूषण से जुड़ा हुआ है. तब न्यायालय ने कहा कि इसकी कोई जरुरत नहीं है.उच्चतम न्यायालय 12 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से जुड़े मामले पर सुनवाई करने वाला है. तीन नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने उच्चतम न्यायालय में कहा था कि दिल्ली में कई स्थानों के एयर मानिटरिंग स्टेशन काम नहीं करने की रिपोर्ट है. चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए उठाये गये कदमों पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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