कोलकाता, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को दिल्ली तलब किया है। आयोग का आरोप है कि उसने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप में चार अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर अमल नहीं किया।
सचिवालय की एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आयोग के इस तलब पर मनोज पंत बुधवार सुबह दिल्ली रवाना होंगे। उन्होंने अपने करीबी सूत्रों से कहा कि जब बुलाया है तो जाना ही होगा।
मुख्य सचिव आयोग के सामने यह भी स्पष्ट करेंगे कि राज्य सरकार ने आरोपित अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक जांच क्यों शुरू की है।
मामला पांच अगस्त को शुरू हुआ था, जब चुनाव आयोग ने पत्र भेजकर मोयना और बारुईपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (एईआरओ) को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया था। आरोप था कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि किसी को दंडित नहीं किया जाएगा।
इसके बाद, पिछले शुक्रवार को आयोग ने दोबारा मुख्य सचिव को पत्र भेजकर आदेश का पालन करने और सोमवार दोपहर तीन बजे तक रिपोर्ट देने को कहा। लेकिन नवान्न की ओर से सोमवार को भेजे गए जवाब में बताया गया कि मोयना के आरोपित एईआरओ और डेटा एंट्री ऑपरेटर को केवल चुनावी कार्य से हटाया गया है, न कि निलंबित किया गया। आयोग ने इसे आदेश का उल्लंघन मानते हुए मुख्य सचिव को तलब कर लिया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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