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67 वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह 01 से 07 नवंबर तक आयोजित होगा

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उज्जैन, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के उज्जैन में 67 वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह 1 से 7 नवंबर तक होगा। इस तारतम्य में कालिदास संस्कृत अकादमी में बुधवार शाम स्थानीय समिति की बैठक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व धर्मेंद्र भावसिंह लोधी की अध्यक्षता में हुई।

बैठक में पद्मश्री डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित, प्रभारी संभागायुक्त रत्नाकर झा, एडीएम शाश्वत शर्मा, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय अर्पण भारद्वाज , कुलगुरु महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय शिवशंकर मिश्र , कार्यपरिषद सदस्य विक्रम विश्वविद्यालय राजेशसिंह कुशवाह उपस्थित थे।

धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह देश का अत्यंत महत्वपूर्ण समारोह है। महाकवि कालिदास की रचनाएं भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतिक है। महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाए संस्कृत में लिखकर इस भाषा के सौन्दर्य को अनुपम बना दिया। संस्कृत देव भाषा होने के साथ साथ विज्ञान पर आधारित भाषा है और यह सभी भाषाओं की जननी है। अखिल भारतीय कालिदास समारोह संस्कृत के प्रचार-प्रसार का वैश्विक मंच है।

कुशवाह ने कहा कि समारोह में सारस्वत अतिथियों को संस्कृत और भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक से अधिक समय दिया जाए। उन्होंने युवा पीढ़ी को समारोह से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का उपयोग करने का सुझाव भी दिया।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मध्यप्रदेश शासन का प्रतिष्ठित आयोजन है। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अन्तर्गत सप्त-दिवसीय नाट्य-समारोह एवं कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित होती है। अकादमी ने इसे अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा दिलाने के लिए सफल प्रयास किया। समारोह में यूनान, जापान, नेपाल, बांग्लादेश तथा इजिप्ट की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ समय-समय पर आमन्त्रित की जा चुकी हैं। समारोह में विश्वविद्यालयीन तथा महाविद्यालयीन शैक्षणिक तथा साहित्यिक कार्यक्रम विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा तथा इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा पं. सूर्यनारायण व्यास स्मृति व्याख्यान आयोजित होते हैं। सारस्वत कार्यक्रम कालिदास संस्कृत अकादमी में परिचर्चा / राष्ट्रीय संगोष्ठी,पं. सूर्यनारायण व्यास स्मृति एवं महाकवि कालिदास व्याख्यान,संस्कृत कवि समवाय आयोजित किए जाएंगे।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह में कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा 30 अक्टूबर को वागर्चन विधि अंतर्गत महाकवि कालिदास की आराध्य देवी गढ़कालिका का पूजन,31 अक्टूबर को कलश यात्रा एवं नान्दी (भक्ति संगीत की प्रस्तुति), प्रथम दिवस1 नवम्बर को समारोह उद्घाटनविधि कालिदास अलंकरण एवं श्रेष्ठकृति पुरस्कार प्रदान संस्कृत नाटक (कालिदास की रचना), द्वितीय दिवस 2 नवम्बर को शास्त्र-धर्मी शैली पर आधारित तथा पारम्परिक शैली से अनुप्रेरित नृत्य नाटिका, तृतीय दिवस 3 नवम्बर को मालवी / हिन्दी नाटक (पारम्परिक संस्कृत साहित्य पर आधारित) कार्यक्रम, चतुर्थ दिवस 4 नवम्बर को लोक शैली / पारम्परिक शैली का आयोजन, पंचम दिवस 5 नवम्बर को शास्त्र-धर्मी शैली के नृत्य का आयोजन, षष्ठ दिवस 6 नवम्बर को शास्त्रीय शैली में गायन का कार्यक्रम, सप्तम दिवस शास्त्रीय शैली में वादन का कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें।

आभार कालिदास अकादमी के निदेशक डॉ.गोविंद गंधे ने माना।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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