रांची, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, चौधरी बगान, हरमू रोड में रविवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के पूर्व कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला ने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में न होकर सतयुगी सुख की दुनियां में हुआ था। कलियुगी सृष्टि के इस अंत समय में पतित सृष्टि समाप्त होकर सुखमय स्वर्ग आता है। जहां श्रीकृष्ण सर्वगुण संपन्न देवता के रूप में अवतरित होते हैं। उन्होंने कहा कि यमुना के कंठे पर फिर उनकी रासलीला होती है। जो आत्माएं वर्तमान समय गीताज्ञान एवं राजयोग के द्वारा विकारों का त्याग कर पवित्र और योगी बनेगी वे ही स्वर्ग की दुनिया में श्रीकृष्ण के साथ पदार्पण करेगी।
वक्ताओं ने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन नीति, रणनीति और समर्पण का प्रतीक है। महावीर मंडल, रांची के अध्यक्ष जय सिंह यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण का आवाह्न आचार–विचार की शुद्धि से ही संभव है।
संजय सर्राफ ने कहा कि कृष्ण का जीवन केवल रासलीला नहीं बल्कि धर्म, नीति और सेवा का संदेश देता है।
विनीता सिंघानियां ने इन्द्रिय जीत का महत्व बताया, जबकि शिव नारायण साहू ने कहा कि कृष्ण तन और मन से देवत्व के प्रतीक थे। सत्य नारायण तिवारी ने धर्म स्थापना के लिए कृष्ण के योगदान का उल्लेख किया।
शुभा अग्रवाल ने जन्माष्टमी को जीवन में दिव्यता लाने की प्रेरणा बताया। दुर्गा साहू ने कहा कि कृष्ण का जन्म बंधनों से मुक्ति का संदेश देता है।
कार्यक्रम में भजन, नृत्य, रास और झांकियों के साथ भव्य उत्सव मनाया गया। अंत में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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