कोलकाता, 12 नवम्बर (Udaipur Kiran) . West Bengal विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और Indian जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से मुलाकात कर एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मतदाता सूची में 13 लाख से अधिक फर्जी नाम जोड़े हैं.
शुभेंदु अधिकारी कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ सीईओ कार्यालय पहुंचे और एक विस्तृत दस्तावेज सौंपा, जिसमें कथित रूप से 13.25 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल हैं. उन्होंने निर्वाचन आयोग (ईसी) से तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग की.
अधिकारी ने कहा कि हमने पांच हजार 700 ऐसे निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की सूची सौंपी है, जिन्हें या तो आयोग के नियमों का उल्लंघन कर नियुक्त किया गया है, या जो पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान कई बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सत्तारूढ़ दल के साथ मिलीभगत कर फर्जी मतदाताओं के नाम बनाए रखने में लगे हैं.
दक्षिण 24 परगना जिले के एक उदाहरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां स्थानीय तृणमूल नेताओं ने 11 हजार 896 मृत मतदाताओं के नाम सूची से न हटाने का दबाव बनाया. उन्होंने चेतावनी दी, “अगर ऐसी गड़बड़ियां जारी रहीं, तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी.”
शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि सीईओ ने शिकायत दर्ज कर ली है और सभी मामलों की जांच का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा, “सीईओ ने बताया कि लगभग 70 प्रतिशत शिकायतों की जांच हो चुकी है और वे 16 नवम्बर तक विस्तृत रिपोर्ट देंगे. लेकिन हम निष्क्रिय नहीं रहेंगे; आयोग की प्रतिक्रिया देखकर आगे की रणनीति तय करेंगे.”
उन्होंने यह भी दावा किया कि चार नवम्बर से शुरू हुए एसआईआर अभियान के बाद से अब तक 65 औपचारिक शिकायतें बीएलओ के खिलाफ दर्ज हुई हैं, जिनमें आरोप है कि कई जगह एन्यूमरेशन फॉर्म तृणमूल कार्यालयों, स्थानीय क्लबों और सत्तारूढ़ दल से जुड़े परिसरों से वितरित किए जा रहे हैं.
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के लगभग 50 हजार पुलिसकर्मी “तृणमूल कार्यकर्ताओं की तरह” काम कर रहे हैं और उनकी गतिविधियों की भी आयोग द्वारा जांच होनी चाहिए.
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने शुभेंदु अधिकारी के दावों को “निराधार और राजनीतिक दिखावा” बताया.
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र रूप से एसआईआर प्रक्रिया चला रहा है, किसी राजनीतिक दल से परामर्श नहीं कर रहा. इसके बावजूद शुभेंदु अधिकारी झूठे आरोप लगाकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें आयोग के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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