लुसाने, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । पेरिस ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता अल्जीरियाई मुक्केबाज़ इमान खलीफ ने वर्ल्ड बॉक्सिंग के उस निर्णय के खिलाफ अपील की है, जिसमें उन्हें आगामी प्रतियोगिताओं से बाहर कर दिया गया है जब तक कि वे अनिवार्य जेनेटिक सेक्स टेस्ट न कराएं।
स्पोर्ट्स के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (सीएएस) ने सोमवार को बताया कि खलीफ ने यह अपील पिछले महीने दायर की थी। हालांकि, सीएएस ने वर्ल्ड बॉक्सिंग के फैसले को तत्काल निलंबित करने की खलीफ की मांग को खारिज कर दिया है। इसका मतलब है कि वह इस हफ्ते शुरू होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
खलीफ ने पिछले साल पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उस दौरान उन पर और चीनी ताइपे की लिन यू-टिंग पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे थे। दोनों को 2023 की वर्ल्ड चैंपियनशिप से पूर्व शासी निकाय इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (आईबीए) ने अज्ञात पात्रता परीक्षणों में विफल बताकर बाहर कर दिया था।
हालांकि, आईबीए को लंबे समय से विवादों और कुप्रबंधन के कारण निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) ने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग का संचालन किया और पुराने जेंडर पात्रता नियमों के आधार पर खलीफ व लिन दोनों को खेलने की अनुमति दी।
नए शासी निकाय वर्ल्ड बॉक्सिंग को 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक के लिए मान्यता मिल चुकी है। इसी बीच, उसने इस साल मई में सभी खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य सेक्स टेस्टिंग की घोषणा की थी और इसमें विशेष रूप से खलीफ का नाम भी लिया था। हालांकि बाद में संगठन ने इस पर खेद जताया।
खलीफ का लक्ष्य है कि वह लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में अपने वेल्टरवेट वर्ग का स्वर्ण पदक बचा सकें। वहीं, नई आईओसी अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री ने जेंडर पात्रता संबंधी मुद्दों पर विचार करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित की है।
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(Udaipur Kiran) दुबे
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