भारत में दूरसंचार नवाचार को नई गति देने की दिशा में अहम कदम
गांधीनगर, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) . Indian प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटीजीएन) और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्स (सी-डॉट) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस साझेदारी के तहत आईआईटी गांधीनगर में ‘एकेडमिक सी-डॉट रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर’ की स्थापना की जाएगी, जो दूरसंचार और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के क्षेत्र में अत्याधुनिक शोध और नवाचार को प्रोत्साहन देगा.
संस्था के जन संपर्क विभाग ने बताया कि यह समझौता आईआईटीजीएन की ओर से निदेशक प्रो राजत मूना और सी-डॉट की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ राजकुमार उपाध्याय द्वारा किया गया. यह केंद्र दूरसंचार और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मौलिक एवं अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख केंद्र बनेगा.
इस सहयोग के तहत, आईआईटीजीएन और सी-डॉट मिलकर दूरसंचार क्षेत्र से संबंधित समस्याओं की पहचान करेंगे, स्वदेशी समाधान विकसित करेंगे और नवाचार-आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे. यह साझेदारी आईआईटीजीएन के संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के साथ-साथ सी-डॉट के वैज्ञानिकों को डिजिटल, साइबर सुरक्षा और दूरसंचार क्षेत्रों की वास्तविक चुनौतियों के समाधान पर साथ काम करने में सक्षम बनाएगी.
इस अवसर पर, आईआईटीजीएन निदेशक प्रो. राजत मूना ने कहा, “डिजिटल और संचार प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ साइबर सुरक्षा में आत्मनिर्भरता हमारे देश की सुरक्षा, विकास और प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है. यह समझौता दोनों संस्थानों की क्षमताओं को एकजुट करता है और स्वदेशी क्षमता निर्माण, विकास और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए नए विचारों को प्रोत्साहित करेगा.”
सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि एकेडमिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का उद्देश्य सी-डॉट और IIT गांधीनगर की शक्तियों और संसाधनों को एक साथ लाकर एक गतिशील और सहयोगात्मक वातावरण बनाना है. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने, बौद्धिक संपदा के विकास को प्रोत्साहित करने और भारत की स्थिति को तकनीकी नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सी-डॉट एक आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना करता है जो न केवल अपनी तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करता है बल्कि स्वदेशी नवाचार और क्षमता निर्माण के माध्यम से वैश्विक प्रगति में भी योगदान देता है.
यह सहयोग आईआईटीजीएन और सी-डॉट को संयुक्त रूप से कार्य करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘विकसित भारत’ की दिशा में स्वदेशी क्षमता निर्माण में योगदान देने में सक्षम बनाएगा. अपने दौरे के दौरान, डॉ उपाध्याय ने आईआईटीजीएन के वार्षिक टेक फेस्ट ‘अमाल्थिया २०२५’ के 16 वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की. उन्होंने मुख्य भाषण दिया और छात्रों के साथ बातचीत की. इस वर्ष टेक फेस्ट का विषय ‘Orchestrating Origins’ नवाचार की उत्पत्ति का समन्वय था. इस कार्यक्रम मेंटेक एक्सपो का आयोजन भी किया गया, जो ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट सम्मिट २०२६’ का प्री-इवेंट था. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स में अत्याधुनिक प्रगति को प्रदर्शित किया गया, साथ ही Indian सेना, उद्योग जगत, अनुसंधान संस्थानों और कई नवोन्मेषी स्टार्टअप्स की पहलें भी प्रदर्शित की गईं.
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
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