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संघ कार्यालय में कंप्यूटर आप्रेटर से मुख्यमंत्री तक नायाब सफर

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नारायणगढ़ विधानसभा से पहला चुनाव हार कर पांचवें स्थान पर रहे थे नायब सैनी

चंडीगढ़, 17 अक्टूबर . करीब तीन दशक पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा की रिपोर्ट को कंप्यूटर में फीड करने वाले अंबाला जिले के गांव मिर्जापुर-माजरा के नौजवान नायब सिंह ने गुरुवार को दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली है. वर्ष

2009 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में नारायणगढ़ विधानसभा सीट से लड़े नायब सिंह पांचवे स्थान पर रहे थे.

तीन दशक पहले मनोहर लाल हरियाणा में संघ के प्रांत प्रचारक का जिम्मा संभाल रहे थे. तब खट्टर ने नायब सैनी को रहने के लिए संघ कार्यालय में जगह दे दी थी. वह खट्टर के साथ एक कमरे में रहने लगे. नरेन्द्र मोदी भी जब हरियाणा आते थे तो वे नायब के कमरे में रुकते थे. खट्टर किसी जिले के दौरे पर जाते तो वह युवक उनकी गाड़ी भी चलाता था. समय ने करवट बदली तो मनोहर लाल, जब भाजपा में सक्रिय हुए तो नायब सैनी को उन्होंने अपने साथ ही रखा.

नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिर्जापुर-माजरा गांव के एक ओबीसी परिवार में हुआ था. उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली. वर्ष 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़े. वर्ष 2002 में सैनी को अंबाला भाजपा युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया. तीन साल बाद वर्ष 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे. उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया. गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई. किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए भाजपा ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया. बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने.

वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला. टिकट दिलाने में सैनी के राजनीतिक गुरु मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी. उनका सीधा मुकाबला गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था. सैनी बुरी तरह चुनाव हार गए थे और 5वें स्थान पर रहे थे.

नारायणगढ़ में करारी हार के बाद भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया. वर्ष 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया.वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को फिर नारायणगढ़ से टिकट दिया गया. इस बार वह जीतकर विधानसभा पहुंच गए. नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के करीबी होने का भी फायदा मिला. वर्ष 2016 में उन्हें खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र से टिकट दिया गया और वह सांसद बन गए. 27 अक्टूबर 2023 को उन्हें हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया. हरियाणा में भाजपा हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए 12 मार्च 2024 को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया. इस पद पर छह माह रहे और उसके बाद आज फिर से मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली

हरियाणा में किस मुख्यमंत्री का कितना रहा कार्यकाल

चौधरी भजन लाल 11 साल 300 दिन

चौधरी बंसी लाल 11 साल 283 दिन

भूपेंद्र हुड्डा 09 साल 235 दिन

मनोहर लाल 09 साल 138 दिन

ओपी चौटाला 06 साल 050 दिन

चौधरी देवीलाल 04 साल 172 दिन

बनारसी दास गुप्ता 01 साल 201 दिन

हुकम सिंह 248 दिन

राव बीरेंद्र सिंह 241 दिन

नायब सैनी 216 दिन

भगवत दयाल शर्मा 143 दिन

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शर्मा

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