गोरखपुर, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) . महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के कृषि संकाय में Saturday को अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह का विशेष व्याख्यान आयोजित हुआ. इस अवसर पर डॉ. सिंह ने धान उत्पादन, गुणवत्ता सुधार, जल प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा नवीन वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग पर विस्तृत जानकारी दी.
डॉ. सुधांशु सिंह ने पूर्वांचल किसानों को धान की बोआई में समय का विशेष महत्व दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि समय पर बोआई करने से धान की उत्पादकता में वृद्धि होगी. उपज बढ़ने का सीधा अर्थ यह है कि किसानों की आय में भी भरपूर बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि उन्नत किस्मों, सटीक पोषण प्रबंधन तथा डिजिटल कृषि तकनीकों के उपयोग से फसल की उत्पादकता और कृषकों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है.
व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान एवं नवाचार कार्यों की सराहना की. उन्होंने छात्रों को इस क्षेत्र में अधिक ज्ञान अर्जित करने एवं अनुसंधान के प्रति अग्रसर होने का संदेश दिया. इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं वर्तमान में यूपी के Chief Minister के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने डॉ. सुधांशु सिंह का आभार व्यक्त किया और उनके उत्कृष्ट एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान की सराहना की.
स्वागत संबोधन कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दूबे का रहा. कार्यक्रम में डॉ. आयुष कुमार पाठक, डॉ. नवनीत सिंह, डॉ. सच्चिदानंद सिंह, फार्म सहायक सुरेश निषाद तथा कृषि संकाय के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे. संचालन ममता गुप्ता ने किया.
—————
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
You may also like

IND W vs SA W Final: '45 दिन से इस पल के लिए नहीं सोई थीं' ट्रॉफी जीतकर भावुक हुईं भारतीय उपकप्तान स्मृति मंधाना

वंदेमातरम, मां तुझे सलाम, लहरा दो सरकशी... नारी शक्ति का परचम, भारत की बेटियों ने पहली बार जीता विश्व कप

IND vs SA, Womens World Cup 2025 Prize Money: वर्ल्ड कप जीतते ही महिला टीम इंडिया पर बरसा पैसा, हारकर भी करोड़ों में खेलेगी साउथ अफ्रीका

अरुण कुमार श्रीवास्तव 'शम्स गोरखपुरी' की पुस्तक 'तखलीक- ए-अरुण' का भव्य विमोचन

भारत ने रचा इतिहास: 52 साल बाद पहली बार महिला वनडे विश्व कप की चैंपियन बनी टीम इंडिया





