बलरामपुर, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . लोक आस्था, अनुशासन और पवित्रता के प्रतीक छठ महापर्व का समापन मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ. Chhattisgarh-Jharkhand की सरहद पर स्थित रामानुजगंज के कन्हर नदी घाट पर श्रद्धा का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला, जहां श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारायण किया.
सुबह की पहली किरण के साथ जब व्रती महिलाएं सिर पर डाला सजाए नदी में उतरीं, तो पूरा घाट भक्ति और लोकगीतों की स्वर-लहरियों से गूंज उठा. घाट पर उपस्थित Jharkhand और Chhattisgarh के श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में ‘उठ सुगवा अरघ लेले सूरज देव’ जैसे गीतों के साथ सूर्योपासना की.
कन्हर नदी तट पर प्रशासन और स्थानीय जनसमूह की ओर से सुरक्षा, स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए गए थे. श्रद्धालुओं ने इसे दो राज्यों की एकता और साझा सांस्कृतिक विरासत का पर्व बताया.
भक्ति, स्वच्छता और सामूहिकता का संदेश देता छठ महापर्व इस बार भी जनआस्था की मिसाल बन गया. श्रद्धालुओं की भीड़ के बावजूद कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. प्रशासन ने व्रतियों और सहयोगी समितियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगले वर्ष घाटों पर और बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी, ताकि यह लोकपर्व और भी भव्य रूप में मनाया जा सके.
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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