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खरीफ की बुआई से पहले सभी केवीके और आईसीएआर किसान जागरूकता अभियान चलाएंः शिवराज सिंह चौहान

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– केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों से किया संवाद

नई दिल्ली, 28 अप्रैल . केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में देशभर के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) से वर्चुअल संवाद किया. उनकी पहल पर आयोजित इस अभिनव संवाद कार्यक्रम में सभी केवीके के चल रहे प्रयासों, उनकी भूमिका और भावी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को लेकर व्यापक चर्चा हुई.

इस दौरान शिवराज सिंह ने सभी केवीके से किसानोन्मुखी प्रयासों में तेजी लाने की बात कही. साथ ही कहा कि खेती-किसानी की उन्नति में केवीके सशक्त माध्यम के रूप में भूमिका निभाएं. केवीके कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं, इसलिए खरीफ की बुआई से पहले सभी केवीके और आईसीएआर राज्य सरकारों के साथ मिलकर किसान जागरूकता अभियान चलाएं. उन्होंने प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और किसानों के हितों के मद्देनजर उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर दिया. उत्कृष्ट कार्य करने वाले केवीके को पुरस्कृत किए जाने के प्रस्ताव पर भी विचार हुआ.

इस संवाद में देशभर के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुखों के साथ ही कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए, जिनमें से कुछ ने केवीके की उपलब्धियां बताईं और अपने सुझाव भी दिए. आईसीएआर-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) जोधपुर (राजस्थान), अटारी हैदराबाद (आंध्र प्रदेश), अटारी पटना (बिहार), अटारी जबलपुर (मध्य प्रदेश) के अलावा मंडी (हिमाचल प्रदेश), नंदूरबार (महाराष्ट्र), खुर्दा (ओडिशा), मोरीगांव (असम) और लक्षद्वीप के केवीके प्रमुखों ने अपने-अपने क्षेत्र विशेष के अनुसार अपने कामकाज, उपलब्धियों और भावी कार्य योजनाओं के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री को जानकारी दी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट और उप महानिदेशक (प्रसार) डॉ. राजबीर सिंह ने प्रारंभ में केवीके के संबंध में रूपरेखा बताई.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अभियान स्वरूप कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कृषि व्यापक क्षेत्र है. प्रत्यक्ष रूप से लगभग 45% आबादी कृषि से जुड़ी है और हमारी जीडीपी का लगभग 18% हिस्सा कृषि क्षेत्र से ही आता है, इसलिए इस व्यापक भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए हमें लगातार प्रभावशाली प्रयास करने होंगे. केवीके प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने किसानों के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अच्छे प्रशिक्षण और जागरुकता के माध्यम से हम किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बना सकते हैं.

चौहान ने कृषि के लिए 6 सूत्री रणनीति, जिसमें उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, फसलों के ठीक दाम, नुकसान की भरपाई, खेती का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती शामिल है, उसके बारे में भी मार्गदर्शन किया. खाद्यान्न उत्पादन के लिए बेहतर बीजों, नए शोध, नई तकनीकों के प्रयोग पर बल देते हुए शिवराज ने इसी क्रम में और अधिक मॉडल फार्म बनाने और नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से भी किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया.

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/ दधिबल यादव

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