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बहराइच हिंसा : गोपाल मिश्रा की हत्या से पहले टॉर्चर को लेकर चैनलों के दावे फर्जी

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के बहराइचमें 13 अक्टूबर को देवी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान भड़क गई. इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की हत्या कर दी गई. राम गोपाल की हत्या से पहले टॉर्चर को लेकर न्यूज चैनलों पर कई ऐसे दावे किए जा रहे हैं, जिनका तथ्यों से कोई लेना देना नहीं है.

क्या हैं वायरल दावे ? वायरल दावों में कहा जा रहा है कि राम गोपाल मिश्रा को गोली मारने से पहले यह यातनाएं दी गईं -

  • पैरों की उंगलियों के नाखून उखाड़े

  • आखों के पास नुकीली चीज से हमला किया गया.

  • धारदार हथियार से सिर और हाथ पर हमला किया गया.

  • बिजली के झटके दिए गए.

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इस पोस्ट का अर्काइव देखें

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप , और देख सकते हैं. इन दावों को आजतक के एंकर , ABP न्यूज की एंकर , , यूट्यूबर समेत कई बड़ी संख्या में फॉलोवर्स वाले सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया गया है.)

क्या यह दावे सही हैं ? नहीं, यह दावे भ्रामक हैं. द क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ ने राम गोपाल मिश्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट चेक की. रिपोर्ट में इनमें से किसी दावे की पुष्टि नहीं होती है.

हमने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से भी इस रिपोर्ट को चेक कराया, जिन्होंने पुष्टि की कि मीडिया और सोशल मीडिया पर यातना से जुड़े जो दावे किए जा रहे हैं, उनका जिक्र रिपोर्ट में नहीं है.

उत्तर प्रदेश पुलिस और बहराइच के CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी ) ने भी इन दावों का खंडन करते हुए फेक न्यूज ना फैलाने की अपील की है.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? : सबसे पहले हमने मीडिया में किए जा रहे सभी दावों को रिपोर्ट से क्रॉस चेक किया, एक फॉरेन्सिक एक्सपर्ट की मदद से. एक्सपर्ट के कहने पर हम उनकी पहचान जाहिर नहीं कर रहे हैं, पर देखिए उन्होंने क्या कहा.

  • पैरों की उंगलियों के नाखून उखाड़े जाने का दावा पूरी तरह से गलत है, फायर आर्म्स (गोली के छर्रों ) की वजह से पैर के अंगूठों में बर्न इंजरी (जलने वाले जख्म है), नाखून उखाड़ने की कोई पुष्टि नहीं है.

  • आंखों के पास किसी नुकीली चीज से हमला किया गया हो ऐसा भी कोई साक्ष्य नहीं मिलता है. हालांकि वहां चोट संभवत: गोली की वजह से हो सकती है.

  • सिर पर लगी चोट की वजह गोली लगने के बाद मृतक का जमीन पर बेसुध होकर गिर जाना है. ना कि यह कि सिर पर किसी भारी चीज से वार किया गया हो.

बिजली के झटके दिए जाने का कोई भी सबूत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं मिलता है. रिपोर्ट में की बात की गई है, आइए जानते हैं ये क्या होता है.

हेमोरेजिक शॉक एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें बॉडी टिश्यू (Tissues) का प्रवाह कम हो जाता है, जिसकी वजह से कोशिका (cellular function) के नार्मल फंक्शन करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाती है. जब भी कोशिका में ऑक्सीजन की मांग सप्लाई से ज्यादा हो जाती है तो कोशिका और जीव (organism ) दोनों एक शॉक की स्थिति में होते हैं. इसे हेमोरेजिक शॉक कहां जाता है, वायरल दावे में इस शॉक को बिजली का झटका बता दिया गया है.
  • मृतक के शरीर पर कुल कितने छर्रों के निशान है इसकी असल संख्या की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं होती है.

बहराइच पुलिस ने क्या बताया ? : हमने बहराइच पुलिस के X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल की पड़ताल की. हमारी जांच में हमें बहराइच पुलिस की

मिली, जिनमें इन वायरल दावों को भ्रामक बताया गया था.

मीडिया से बात करते हुए बहराइच की SP वृंदा शुक्ल ने भी कहा कि, "पोस्टमार्टम के अनुसार मृतक की मौत गोली लगने से हुई है, अन्य बताई जा रहींं चीजें भ्रामक हैं, जिनकी पुष्टि पोस्टमार्टम से नहीं हो रही है. "

बहराइच CMO ने क्या कहा ? बहराइच सीएमओ (CMO) संजय कुमार ने मृतक की मौत की वजह बताते हुए बताया कि, "उनकी मौत 25-30 छर्रे लगने की वजह से ज्यादा खून बहने की वजह से हुई है, पैर में अंगूठों के पास जलने की चोट ,है उससे ज्यादा कुछ नहीं है.

निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर कई तरह के भ्रामक और गलत दावे सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं.

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