बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मंगलवार को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी है। इस सूची के अनुसार राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जिनमें पुरुष, महिला और अन्य लिंग के मतदाता शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस बार की मतदाता सूची तैयार करने में नवीनतम तकनीकी उपकरणों और आधार-आधारित सत्यापन प्रणाली का व्यापक उपयोग किया गया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सूची पूरी तरह से सटीक और अद्यतन हो, ताकि कोई भी योग्य मतदाता चुनाव प्रक्रिया से वंचित न रहे।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान मतदाता पहचान, नाम, पता और उम्र जैसी सभी जानकारियों की जाँच की गई। साथ ही नए मतदाताओं को जोड़ा गया और मृत या डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाया गया। आयोग ने यह भी बताया कि जिन मतदाताओं को अपने विवरण में कोई त्रुटि दिखी है, वे आगामी एक महीने के भीतर सुधार के लिए ऑनलाइन या नजदीकी मतदाता सेवा केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाताओं की संख्या इस बार चुनाव परिणामों पर अहम प्रभाव डाल सकती है। इसमें पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाता और महिला मतदाता संख्या में बढ़ोतरी ने राजनीतिक दलों के लिए रणनीति तैयार करना चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों और निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है और तकनीकी सुविधाओं को और मजबूत किया गया है। इसके साथ ही मतदाताओं को ऑनलाइन मतदाता पहचान पत्र (EPIC) डाउनलोड करने और मोबाइल एप के माध्यम से मतदान केंद्र की जानकारी प्राप्त करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
राजनीतिक दलों ने भी मतदाता सूची जारी होने के बाद अपनी चुनाव तैयारियों को और तेज कर दिया है। उम्मीदवार और पार्टी अधिकारी अब मतदान केंद्रों के आधार पर रणनीति तैयार कर रहे हैं। उन्हें खास तौर पर नए मतदाताओं और युवा मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए अभियान चलाना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बिहार चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मतदाता सूची में अधिक सटीकता और पारदर्शिता लाई गई है। इससे न केवल मतदाताओं का भरोसा बढ़ा है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन अंतिम मतदाता सूची जारी होने के साथ ही चुनावी माहौल और भी गर्म होता जा रहा है। अब सभी राजनीतिक दल, मतदाता और प्रशासन अगले चरण की तैयारियों में जुट गए हैं।
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