राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मानगढ़ धाम से जुड़े पाठ को किताबों से हटाने की अफवाहों को लेकर कांग्रेस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कोटा में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान इस मामले को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और इसे “सबसे बड़ा झूठा” करार दिया।
मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के पेट में इस मामले को लेकर मरोड़ चल रही है, जबकि वास्तविकता इससे पूरी तरह अलग है। उन्होंने बताया कि मानगढ़ धाम का पाठ पहले केवल एक सूक्ष्म रूप में शामिल था, लेकिन अब इसे विस्तार से तैयार किया गया है और बच्चों को पूरी जानकारी के साथ पढ़ाया जा रहा है।
मदन दिलावर ने कहा, “शिक्षा विभाग हमेशा से ही बच्चों को सही और संपूर्ण जानकारी देने का पक्षधर रहा है। अफवाहें फैलाकर किसी भी राजनीतिक दल का उद्देश्य केवल जनता को भ्रमित करना है। यह पाठ किसी भी तरह से हटाया नहीं गया है, बल्कि इसे और अधिक विस्तृत और शिक्षाप्रद बनाया गया है।”
उन्होंने प्रेस वार्ता में यह भी स्पष्ट किया कि मानगढ़ धाम से जुड़े पाठ का उद्देश्य बच्चों को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराना है। मंत्री ने कहा कि पाठ को हटाने या किसी प्रकार की सेंसरशिप लगाने की कोई योजना नहीं है। इसके विपरीत, इसे शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाकर बच्चों को व्यापक जानकारी देने पर जोर दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीतिक दल केवल अफवाहें फैलाकर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा विभाग और सरकार का ध्यान हमेशा बच्चों की सर्वोत्तम शिक्षा और सही जानकारी देने पर केंद्रित रहेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, मानगढ़ धाम से जुड़े पाठ को विस्तारित रूप में शामिल करना बच्चों के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जागरूकता बढ़ाने का एक सकारात्मक कदम है। इसके माध्यम से छात्र न केवल अपने राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानेंगे, बल्कि सामाजिक और धार्मिक विविधता की समझ भी विकसित करेंगे।
मदन दिलावर ने अंत में यह अपील भी की कि शिक्षा और पाठ्यक्रम को लेकर अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयास बच्चों की शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए हैं। राजनीति को इसमें घसीटना केवल भ्रम पैदा करने के लिए है। जनता को चाहिए कि वे तथ्यों पर भरोसा करें, अफवाहों पर नहीं।”
इस बयान के बाद शिक्षा विभाग ने भी पुष्टि की कि मानगढ़ धाम से जुड़े पाठ को संपूर्ण और विस्तृत रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और इसे हटाने या बदलने की कोई योजना नहीं है।
राजस्थान में यह विवाद शिक्षा, राजनीति और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच की खाई को दिखाता है। हालांकि, शिक्षा मंत्री और विभाग ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए यह संदेश दिया कि राज्य की शिक्षा नीति बच्चों के हित में ही काम करेगी, और राजनीतिक विवादों से प्रभावित नहीं होगी।
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