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आजकल ज़्यादातर लोग आराम से सोने के लिए एसी का इस्तेमाल करते हैं। ठंडी हवा नींद को जल्दी और सुखद बनाती है। लेकिन अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि एसी में सोने पर उन्हें अजीब या डरावने सपने आते हैं। तो सवाल उठता है कि क्या वाकई एसी और बुरे सपनों के बीच कोई संबंध है?
डॉ. योगेश शर्मा कहते हैं कि हमारी नींद सीधे तौर पर हमारे शरीर और आसपास के वातावरण के तापमान पर निर्भर करती है। एसी कमरे का तापमान कम कर देता है जिससे हमें जल्दी नींद आ जाती है। लेकिन अगर तापमान बहुत कम हो जाए, तो शरीर बेचैन हो जाता है और दिमाग पर असर पड़ता है। इसका सीधा असर "रैपिड आई मूवमेंट" अवस्था पर पड़ता है, यानी वह अवस्था जब हम सपने देखते हैं।
एसी में सोने पर हमें ज़्यादा डरावने सपने क्यों आते हैं?
ठंडी हवा और ऑक्सीजन की कमी
जब पूरी तरह से बंद कमरे में एसी चालू होता है, तो ताज़ी हवा अंदर-बाहर नहीं आ पाती। इसका असर दिमाग पर पड़ता है और नींद के दौरान अजीब या डरावने सपने आते हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव
अगर शरीर बहुत ज़्यादा ठंडा हो जाता है, तो दिमाग पर असर पड़ता है और नींद की गुणवत्ता बिगड़ जाती है। इससे नकारात्मक सपने आ सकते हैं।
मानसिक थकान और तनाव
एसी शरीर को आराम देता है, लेकिन अगर मन पहले से ही तनावग्रस्त है, तो ठंडा वातावरण मस्तिष्क को डरावने सपने दिखाने का कारण बन सकता है।
क्या हमें हमेशा एसी को ही दोष देना चाहिए?
डॉ. शर्मा कहती हैं कि हर बार बुरे सपनों का कारण एसी ही नहीं होता। कई बार लगातार तनाव, अवसाद, सोने से पहले मोबाइल पर समय बिताना या ज़्यादा खाना भी बड़े कारण होते हैं। लेकिन अगर आपको एसी में सोते हुए रोज़ ऐसे सपने आते हैं, तो वातावरण एक अहम कारक हो सकता है।
अच्छी नींद के लिए डॉक्टर के सुझाव
एसी का तापमान लगभग 26 डिग्री रखें।
सोते समय कमरे में कम से कम हवा का संचार सुनिश्चित करें।
रात में भारी भोजन या कैफीन से बचें।
सोने से पहले हल्का संगीत सुनें, ध्यान करें या किताब पढ़ने की आदत डालें।
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