अगली ख़बर
Newszop

बाइडेन व्हाइट हाउस में हैं, लेकिन दुनिया का फ़ोन ट्रंप को क्यों जा रहा है?

Send Push

दुनिया की राजनीति में इस समय एक ऐसा खेल चल रहा है जिसने अमेरिका से लेकर यूरोप तक के बड़े-बड़े विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। सवाल उठने लगा है कि अमेरिका का असली बॉस कौन है - व्हाइट हाउस में बैठा हुआ, या फिर फ्लोरिडा से अपनी 'सरकार' चलाने वाला?हालिया घटनाक्रम इतना बड़ा और अप्रत्याशित है कि इसने कई देशों की विदेश नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हुआ यूँ कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन को नहीं, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फ़ोन किया... और वो भी दो दिन में दो बार!शांति के लिए बाइडेन नहीं,ट्रंप क्यों?यूक्रेन,जो पिछले कई सालों से रूस के साथ एक भयानक युद्ध लड़ रहा है और जिसकी पूरी उम्मीद अमेरिकी मदद पर टिकी है,उसके राष्ट्रपति का यह क़दम बहुत बड़ा संदेश देता है। ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच यह बातचीत यूक्रेन में'शांति'लाने के प्रयासों पर केंद्रित थी।यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब ट्रंप हाल ही में इज़राइल-हमास युद्ध को रुकवाने में भी एक बड़ी भूमिका निभाने का दावा कर चुके हैं और जल्द ही इज़राइल और मिस्र के दौरे पर भी जाने वाले हैं।इस फ़ोन कॉल के क्या मतलब हैं?यह सिर्फ़ एक फ़ोन कॉल नहीं है,यह वैश्विक राजनीति में एक बहुत बड़े बदलाव का संकेत है।ज़ेलेंस्की का डर या रणनीति?ज़ेलेंस्की शायद यह समझ चुके हैं कि अमेरिका में सत्ता बदल सकती है और अगर ट्रंप वापस आते हैं तो उन्हें उनसे भी रिश्ते अच्छे रखने होंगे। यह भी हो सकता है कि बाइडेन प्रशासन से मिल रही मदद में हो रही देरी से वे निराश हों और ट्रंप के ज़रिए एक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हों।ट्रंप के लिए जैकपॉट:यह ट्रंप के लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं है। व्हाइट हाउस में न होते हुए भी,दुनिया के नेता उनसे संपर्क कर रहे हैं। यह उन्हें एक ऐसे'विश्व नेता'के रूप में पेश करता है जिसके बिना दुनिया के बड़े मसले हल नहीं हो सकते। यह उनके अगले राष्ट्रपति चुनाव के अभियान के लिए एक बहुत बड़ी जीत है।क्या दुनिया को अब बाइडेन पर भरोसा नहीं रहा?यूक्रेन से लेकर इज़राइल तक,ऐसा लग रहा है कि दुनिया के कुछ नेता अब अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सीधे डोनाल्ड ट्रंप से संपर्क कर रहे हैं। सवाल अब यह है कि क्या यह बाइडेन प्रशासन की विदेश नीति की विफलता है,या फिर डोनाल्ड ट्रंप का व्यक्तिगत प्रभाव इतना ज़्यादा है कि वे सत्ता में न होते हुए भी दुनिया की राजनीति को अपने इशारों पर चला सकते हैं?यह घटनाक्रम सिर्फ़ एक फ़ोन कॉल नहीं है,बल्कि इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में दुनिया की राजनीति और भी ज़्यादा अप्रत्याशित और दिलचस्प होने वाली है।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें