News India Live, Digital Desk: Parenting Tips: जब हमारे घर में छोटे बच्चे होते हैं तो कई बार हम उनके रोने का कारण समझ नहीं पाते। जब छोटे बच्चे रोते हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं। करने वाले लोग भूख का संकेत समझ लेते हैं। जैसे ही बच्चा रोता है, उसे तुरंत दूध की बोतल दे दी जाती है। हालाँकि, यह जरूरी नहीं है कि बच्चा हर बार भूख के कारण ही रो रहा हो। रोना शिशुओं के लिए संचार का एकमात्र साधन है, और इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि उनका बच्चा क्यों रो रहा है। क्योंकि छोटे बच्चे तभी रोना जानते हैं जब उन्हें कोई समस्या होती है, और यह जरूरी नहीं कि हर बार यह भूख के कारण ही हो। तो आइये इसके बारे में कुछ जानें।
गीले या गंदे डायपर:
शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है और गीले या गंदे डायपर से उन्हें असुविधा हो सकती है। इस असुविधा के कारण बच्चा रोने लगता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को खाना खिलाने से ज्यादा जरूरी है डायपर चेक करना।
नींद की कमी या थकान:
जब बच्चे थके हुए या नींद में होते हैं, तो वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और रोना शुरू कर देते हैं। इस स्थिति में, स्तनपान कराने से उन्हें अधिक असुविधा हो सकती है। उन्हें सुलाने का प्रयास करें, शांत वातावरण प्रदान करें।
नवजात शिशुओं में गैस की समस्या होना आम बात है। जब उन्हें पेट दर्द होता है तो वे रोते हैं। दूध की बोतल देने से समस्या और भी बदतर हो सकती है। गैस से राहत पाने के लिए पीठ पर हल्की मालिश या थपथपाना मददगार हो सकता है।
तापमान में परिवर्तन:
बहुत गर्म या बहुत ठंडा मौसम भी बच्चों को असहज कर सकता है। यदि उनके कपड़े बहुत गर्म या बहुत हल्के हों तो वे रो सकते हैं। इस स्थिति में, उन्हें आरामदायक तापमान पर रखें।
ध्यान या स्नेह की आवश्यकता:
कभी-कभी बच्चा सिर्फ आपका ध्यान या स्पर्श चाहता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि उन्हें प्यार और सुरक्षा का एहसास कराया जाए। यदि आप रोते समय उन्हें गले लगाते हैं तो वे तुरंत शांत हो जाते हैं।
बीमार होना या कोई शारीरिक समस्या होना:
यदि बच्चा लगातार रो रहा है और दूध पीने के बाद भी शांत नहीं हो रहा है, तो यह बीमारी या दर्द का संकेत हो सकता है। बुखार, कान दर्द या किसी भी संक्रमण की संभावना को नजरअंदाज न करें और चिकित्सकीय सलाह लें।
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