पाकिस्तानी भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम को ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ इवेंट में आमंत्रित करने के विवाद के बीच भारत के स्टार एथलीट और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले नीरज चोपड़ा को भारत में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका निर्णय केवल खेल और खिलाड़ियों के सम्मान से संबंधित है, किसी राजनीतिक या भावनात्मक एजेंडे से संबंधित नहीं है। इस मामले में उन्होंने अपनी मां को निशाना बनाने वालों पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। नीरज चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। ध्यान रहे कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पेरिस ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम ने ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
नीरज की सोशल मीडिया पोस्ट में क्या है?
चोपड़ा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा- मैं आमतौर पर बहुत कम बोलता हूं, लेकिन जब बात मेरे देश, मेरे परिवार और सच्चाई के सम्मान की आती है, तो मैं चुप नहीं रह सकता। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि अरशद नदीम को निमंत्रण एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी तक पहुंचाया गया और इसका उद्देश्य भारत को विश्व स्तरीय खेल आयोजनों का केंद्र बनाना था। पहलगाम में आतंकवादी हमले से दो दिन पहले सोमवार को सभी खिलाड़ियों को इस आयोजन के लिए निमंत्रण पत्र भेजे गए थे।
नीरज ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमले के बाद की स्थिति को देखते हुए अरशद की भागीदारी रद्द कर दी गई।
इस पोस्ट में नीरज ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमले के बाद की स्थिति को देखते हुए अरशद की भागीदारी रद्द कर दी गई थी। नीरज ने कहा- ऐसे में अरशद का आना बिल्कुल भी संभव नहीं था। मेरे लिए देश और उसके हित सदैव सर्वोपरि हैं।
मां को निशाना बनाए जाने से दुखी हैं नीरज चोपड़ा
इस पोस्ट में नीरज भी काफी दुखी नजर आए। वह अपने और अपने परिवार पर हुए व्यक्तिगत हमलों से आहत नजर आए। पोस्ट में नीरज ने कहा- हम सामान्य लोग हैं, कृपया हमें गलत न समझें, मीडिया के कुछ वर्गों में फैलाई जा रही झूठी कहानियां सच नहीं हैं।
अपनी मां के एक पुराने बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने लोगों के दोहरे मापदंड पर भी सवाल उठाए। नीरज ने कहा- एक साल पहले जब मेरी मां ने कुछ कहा तो उनकी तारीफ हुई। अब वही लोग उसी बात के लिए उन्हें निशाना बना रहे हैं। पोस्ट के अंत में नीरज ने यह भी कहा कि वह अब और अधिक मेहनत करेंगे ताकि दुनिया भारत को एक सम्मानित देश के रूप में देखे और सही कारणों से याद रखे।
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