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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान: 1,050 करोड़ रुपए से बनेंगे 4 नये एक्सप्रेसवे

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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सड़क नेटवर्क को और मजबूत बनाने के लिए चार नए एक्सप्रेसवे बनाने की योजना को मंजूरी दी है। यह नए एक्सप्रेसवे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे और आर्थिक विकास को गति देंगे। कुल मिलाकर इन प्रोजेक्ट्स पर लगभग 1,050 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।इनमें से दो एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार के रूप में काम करेंगे, जिससे प्रयागराज से हरिद्वार तक एक तेज़ और सुरक्षित मार्ग बनेगा। इस विस्तार के अंतर्गत मेरठ से मुजफ्फरनगर तक 120 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनेगा, जो उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रुड़की तक जुड़ेगा। इससे धार्मिक स्थल हरिद्वार और प्रयागराज के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी।दूसरा प्रमुख नया एक्सप्रेसवे विंध्य एक्सप्रेसवे है, जिसकी लंबाई लगभग 320 किलोमीटर होगी। यह प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र तक जाएगा और मार्ग में मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौलि जैसे जिलों को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे इन पिछड़े इलाक़ों में विकास के नए अवसर खोलेगा और उनके बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।इसके अतिरिक्त, दो लिंक एक्सप्रेसवे भी बनाए जाएंगे। एक विंध्य एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से चंदौलि के रास्ते जोड़ेगा, जबकि दूसरा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से जोड़ेगा। ये लिंक एक्सप्रेसवे मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 39 (प्रयागराज-रीवा) से भी जुड़ाव को आसान बनाएंगे।उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) इस परियोजना की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने के लिए अगले कुछ महीनों में कंसल्टेंट्स की नियुक्ति करेगी। उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा और सबसे घना एक्सप्रेसवे नेटवर्क है और ये नए प्रोजेक्ट इसे और भी मजबूत बनाएंगे।इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का उद्देश्य प्रदेश के 75 जिलों में से 56 जिलों को 866 किलोमीटर लंबी दुनिया स्तरीय एक्सप्रेसवे नेटवर्क के जरिए जोड़ना है, जिससे यातायात सुगमता के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। ये एक्सप्रेसवे न केवल यात्री परिवहन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि माल एवं सेवा परिवहन में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।नए एक्सप्रेसवे परियोजनाएँ और उनकी लंबाई:मेरठ से मुजफ्फरनगर (गंगा एक्सप्रेसवे विस्तार): 120 किमीविंध्य एक्सप्रेसवे (प्रयागराज से सोनभद्र): 320 किमीविंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे (चंदौलि मार्ग): 100 किमीबुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से प्रयागराज लिंक: 70 किमी (अनुमानित)इसका प्रभाव:धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि प्रयागराज और हरिद्वार के बीच तेज़ रूट बनेगा।पिछड़े इलाक़ों में औद्योगिक और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।बेहतर कनेक्टिविटी के कारण ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।पूरे प्रदेश की सड़क संरचना और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को आधुनिक बनाया जाएगा।उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क की दिशा में अग्रसर है। गंगा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन इस साल की समाप्ति तक होने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति और समाजिक-आर्थिक स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
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