News India Live, Digital Desk: Naxal Rehabilitation Policy : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के ख़िलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों को एक बहुत बड़ी कामयाबी मिली है! राज्य के दंतेवाड़ा (Dantewada) ज़िले में एक साथ 71 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (surrender) कर दिया है. यह आंकड़ा वाकई हैरान करने वाला है, खासकर जब पता चले कि इन 71 नक्सलियों में से 30 तो ऐसे थे, जिन पर सरकार ने कुल मिलाकर ₹64 लाख का इनाम रखा था. यह दिखाता है कि सुरक्षाबलों का दबाव अब नक्सलियों को शांति की राह पर चलने के लिए मजबूर कर रहा है.इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के पीछे कई वजहें सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है पुलिस के 'लोन वर्राटू' यानी 'घर वापसी' अभियान का असर. इस अभियान के तहत सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का मौका दे रहे हैं, उन्हें समझा रहे हैं कि हिंसा का रास्ता छोड़ कर समाज के साथ जुड़ने में ही भलाई है.लेकिन इन नक्सलियों ने डर की वजह से भी आत्मसमर्पण किया है. उन्हें लगातार यह डर सता रहा था कि सुरक्षाबल उन्हें कभी भी मुठभेड़ (encounter) में मार सकते हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि या तो वे आत्मसमर्पण करें, या फिर उनका अंत सुनिश्चित है. ऐसे में जान का खतरा भांपकर उन्होंने यह फैसला लिया.पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे थे. इनके समाज में लौटने से न सिर्फ़ अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि ये युवा अब शांतिपूर्ण जीवन जीकर विकास में भी अपना योगदान दे पाएंगे. आत्मसमर्पण के बाद सरकार की तरफ से इन्हें पुनर्वास नीतियों (rehabilitation policies) का फायदा भी मिलेगा, जिससे ये सामान्य जीवन शुरू कर सकें.दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (SP) ने कहा कि ये बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण होना पुलिस की बड़ी रणनीति का परिणाम है. यह न केवल सुरक्षाबलों के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है, बल्कि क्षेत्र के आम लोगों के लिए भी राहत की बात है. अब इस इलाके में शांति और विकास की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं.
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