बीजिंग: जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। पाकिस्तान ने भारत से लगी सीमा पर सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया है। वहीं, पाकिस्तानी नौसेना अरब सागर में लाइव फायर ड्रिल कर रही है। पाकिस्तानी वायु सेना के विमान भी सीमा पर एक्टिव हैं और लगातार कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर के सैन्य विशेषज्ञ युद्ध की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं। इस बीच चीन की भूमिका पर भी बात हो रही है। सवाल यह है कि क्या चीन भारत पर पाकिस्तान से युद्ध रोकने के लिए दबाव डाल सकता है। ऐसे में एक प्रसिद्ध चीनी विशेषज्ञ ने चीन के कदमों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। चीनी सैन्य विशेषज्ञ ने क्या कहा?फूडन यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के शोधकर्ता और वाइस डीन लिन मिंगवांग का कहना है कि चीनी सैनिक लद्दाख के पास स्थायी रूप से तैनात हैं और वे इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकते हैं। लिन का कहना है कि भारत को चीन के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। लिन ने स्वीकार किया कि चीन संभावित रूप से लद्दाख में सैनिकों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ दबाव की रणनीति के रूप में कर सकता है। हालांकि, उनका तात्पर्य यह नहीं है कि चीनी सैनिकों का प्रयोग सक्रिय संघर्ष के लिए किया जाएगा, बल्कि उनकी उपस्थिति भारत के क्षेत्रीय प्रभाव के विरुद्ध भू-राजनीतिक बचाव का काम करती है। क्या भारत पर दबाव बनाएगा चीन?उन्होंने कहा, "संक्षेप में, भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ छोटे पैमाने पर, कम तीव्रता वाले सैन्य अभियान चलाना संभव है, और घरेलू राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसी कार्रवाइयों को हाई-प्रोफाइल भी होना चाहिए। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से, कोई भी देश भारत द्वारा पाकिस्तान के जानबूझकर दमन का समर्थन नहीं करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीनी सैनिक 2020 से कश्मीर के पास स्थायी रूप से तैनात हैं, जो वास्तव में क्षेत्र में शांति को संतुलित करने और बढ़ावा देने का काम भी करता है - आखिरकार, भारत को चीन के हितों और भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए।" पहलगाम हमले पर चीन ने क्या कहा?पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर में हमले के बाद चीन पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते हुए तनाव पर नज़र बनाए हुए है। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसाक डार से बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों पक्षों से संयम से काम करने को कहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, "हम हर तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं। भारत में चीन के राजदूत ने भी इस हमले के पीड़ितों से सहानुभूति जताई थी।
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