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MIT में भारतीयों को कैसे मिलेगा एडमिशन, कितना है दुनिया के टॉप संस्थान में पढ़ाई का खर्चा? यहां जानिए

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MIT Admission Process For Indians: दुनिया के टॉप संस्थानों की जब भी बात होती है, तो उसमें मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) का जिक्र जरूरत होता है। MIT की स्थापना 1861 में बोस्टन में हुई थी, फिर इसे 1916 में क्रैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में रिलोकेट कर दिया गया। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 के मुताबिक, MIT लगातार 13वें साल दुनिया की नंबर 1 यूनिवर्सिटी बनकर उभरा है। इसकी वजह ये MIT की वर्ल्ड क्लास फैकल्टी और यहां के शानदार प्रोग्राम हैं। MIT में वैसे तो 11,300 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इसमें भारतीय छात्रों की संख्या महज 346 है। 2023-24 में विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा ग्रुप भारतीय स्टूडेंट्स का रहा है। MIT में समर, फॉल और विंटर तीनों ही इनटेक में एडमिशन होते हैं। एडमिशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ एप्लिकेशन फॉर्म फिल करना होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय किस तरह से MIT में दाखिला ले सकते हैं और यहां पर टॉप कोर्सेज की फीस कितनी है। MIT में पढ़ने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया क्या है?भारत से MIT में एडमिशन लेना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एक्सेप्टेंस रेट 4.8% है। विदेशी छात्रों के लिए एप्लिकेशन फीस 75 डॉलर होती है। एडमिशन लेने से पहले एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया जानना जरूरी है। आइए जानते हैं कि भारतीय छात्र किन शर्तों को पूरा कर MIT में पढ़ने के लिए एलिजिबिल हो सकते हैं। यहां पोस्टग्रेजुएशन एडमिशन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया बताया गया है, क्योंकि ज्यादातर भारतीय इसकी ही पढ़ाई करने जाते हैं।
  • बैचलर्स डिग्री: एडमिशन के लिए कोई न्यूनतम GPA तय नहीं है, लेकिन आवेदकों के आमतौर पर 3.5+ GPA होते हैं। ज्यादा आवेदकों के साइंस और मैथ्स में A होते हैं।
  • GRE स्कोर: MIT के ज्यादातर मास्टर प्रोग्राम में एडमिशन के लिए GRE स्कोर की जरूरत होती है।
  • रिज्यूमे: MIT रिसर्च एक्सपीरियंस को प्राथमिकता देता है। अगर आवेदक ने किसी नामी जर्नल में अपना रिसर्च पेपर पब्लिश किया है, तो उसका एडमिशन आसान होता है।
  • रिकमेंडेशन: अकेडमिक या प्रोफेशनल्स मेंटर से मिला लेटर ऑफ रिकमेंडेशन जरूरी माना जाता है।
  • अंग्रेजी भाषा में पकड़: एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL स्कोर मान्य है।
MIT के टॉप कोर्सेज और उनकी फीस कितनी है?मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले 62 फीसदी यानी 7,344 स्टूडेंट्स पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। ये दिखाता है कि MIT का अडवांस एजुकेशन और रिसर्च पर कितना ज्यादा फोकस है। पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज की औसतन ट्यूशन फीस 29,875 डॉलर (25 लाख रुपये) होती है। ये कोर्सेज आमतौर पर एक से दो साल के होते हैं। MIT के टॉप कोर्सेज और उनकी फीस की लिस्ट नीचे दी गई है-
  • MBA (ट्यूशन फीस: 68 लाख रुपये)
  • मास्टर ऑफ साइंस एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स (ट्यूशन फीस: 25 लाख रुपये)
  • मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर (ट्यूशन फीस: 25 लाख रुपये)
  • मास्टर ऑफ साइंस इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ट्यूशन फीस: 25 लाख रुपये)
  • मास्टर ऑफ साइंस इन केमिकल इंजीनियरिंग प्रैक्टिस (ट्यूशन फीस: 25 लाख रुपये)
MIT में कैसे मिलेगा एडमिशन? भारतीय छात्रों को MIT में एडमिशन लेने से पहले अपने कोर्स और इनटेक को चुनना होगा। एक बार जब ये तय हो जाए तो फिर MIT का एप्लिकेशन फॉर्म फिल करना होगा। अगर आपने सभी एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया को पूरा किया है तो संस्थान की तरफ से एडमिशन का ऑफर लेटर मिल जाएगा। ऑफर लेटर मिलने के बाद आप स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अमेरिकी दूतावास में आपको वीजा इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इंटरव्यू के बाद आपको स्टूडेंट वीजा मिल जाएगा और आप पढ़ाई शुरू करने के लिए अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।
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