मुंबई : मानसून की विदाई के बाद मुंबई के दूसरे सी लिंक का निर्माण कार्य जल्द दोबारा शुरू होगा। बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का निर्माण शुरू करने के लिए उपकरण पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 17 किमी लंबा बांद्रा- वर्सोवा सी लिंक का निर्माण कार्य समुद्र तय से काफी अंदर किया जा रहा है। मॉनसून के दौरान समुद्र के भीतर किसी भी प्रकार के काम करने की अनुमति नहीं होने की वजह से मॉनसून के आगमन पर सी लिंक का निर्माण कार्य रोक दिया जाता है।
मौसम विभाग की तरफ से कुछ दिन पहले मॉनसून के खत्म होने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) हरकत में आ गया है। मॉनसून के दौरान चार महीने तक काम बंद रखने के बाद निगम दोबारा काम शुरू करने की तैयारी में लग गया।
2022 में प्रॉजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार2018 से बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का निर्माण चल रहा है। लेकिन प्रॉजेक्ट को असली रफ्तार 2022 में मिली है। 2022 में सी लिंक केवल 2.5% तक तैयार हुआ था। वहीं, ढाई साल में 35% से अधिक तक सी लिंक बन कर तैयार हो चुका है। काम की रफ्तार बढ़ने के साथ ही सी लिंक पानी के भीतर आकर लेने लगा है।
देरी की वजह क्या है?प्रॉजेक्ट की शुरुआत में सी लिंक का निर्माण का जिम्मा एक भारतीय कंपनी को दिया गया था। यह कंपनी इटली की कंपनी के साथ मिल कर प्रॉजेक्ट पूरा करने वाली थी, लेकिन कंपनी द्वारा काम नहीं कर पाने की वजह से भारतीय कंपनी को प्रॉजेक्ट से हटा दिया गया। दूसरी कंपनी को काम सौंपने के बाद अब तेजी से काम शुरू हो पाया है। देरी की वजह से प्रॉजेक्ट की डेडलाइन 2026 से बढ़ा कर 2028 कर दी गई है।
ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारायह सी लिंक वर्ली-बांद्रा से कनेक्ट होगा। इसके बन जाने से वर्ली से वर्सोवा तक का सफर घंटों के बजाए करीब 20 से 25 मिनट में पूरी करने संभव होगी। वाहन चालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सी लिंक पर चार कनेक्टर होंगे। यह कनेक्टर बांद्रा, कार्टर रोड, जुहू और वर्सोवा में होंगे। इन कनेक्टर के माध्यम से वाहन आसानी से सी लिंक में एंट्री और एग्जिट कर सकेंगे।
मौसम विभाग की तरफ से कुछ दिन पहले मॉनसून के खत्म होने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) हरकत में आ गया है। मॉनसून के दौरान चार महीने तक काम बंद रखने के बाद निगम दोबारा काम शुरू करने की तैयारी में लग गया।
2022 में प्रॉजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार2018 से बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का निर्माण चल रहा है। लेकिन प्रॉजेक्ट को असली रफ्तार 2022 में मिली है। 2022 में सी लिंक केवल 2.5% तक तैयार हुआ था। वहीं, ढाई साल में 35% से अधिक तक सी लिंक बन कर तैयार हो चुका है। काम की रफ्तार बढ़ने के साथ ही सी लिंक पानी के भीतर आकर लेने लगा है।
देरी की वजह क्या है?प्रॉजेक्ट की शुरुआत में सी लिंक का निर्माण का जिम्मा एक भारतीय कंपनी को दिया गया था। यह कंपनी इटली की कंपनी के साथ मिल कर प्रॉजेक्ट पूरा करने वाली थी, लेकिन कंपनी द्वारा काम नहीं कर पाने की वजह से भारतीय कंपनी को प्रॉजेक्ट से हटा दिया गया। दूसरी कंपनी को काम सौंपने के बाद अब तेजी से काम शुरू हो पाया है। देरी की वजह से प्रॉजेक्ट की डेडलाइन 2026 से बढ़ा कर 2028 कर दी गई है।
ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारायह सी लिंक वर्ली-बांद्रा से कनेक्ट होगा। इसके बन जाने से वर्ली से वर्सोवा तक का सफर घंटों के बजाए करीब 20 से 25 मिनट में पूरी करने संभव होगी। वाहन चालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सी लिंक पर चार कनेक्टर होंगे। यह कनेक्टर बांद्रा, कार्टर रोड, जुहू और वर्सोवा में होंगे। इन कनेक्टर के माध्यम से वाहन आसानी से सी लिंक में एंट्री और एग्जिट कर सकेंगे।
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