जबलपुर : हाईकोर्ट ने इंडिगो एयर लाइंस समेत दूसरी विमान कंपनियों को फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने के लिए सुझाव देने को कहा है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने कंपनियों को 15 दिन का समय दिया है। अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने यह निर्देश जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग वाली जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि जबलपुर से सिर्फ 9 फ्लाइट्स हैं, जबकि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर से ज्यादा फ्लाइट्स हैं।
500 करोड़ खर्च भी हुए
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जबलपुर एयरपोर्ट पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन फ्लाइट्स की संख्या नहीं बढ़ी। वकील आदित्य सांघी ने कोर्ट को बताया कि 2011 में एयरपोर्ट के विस्तार का वादा किया गया था, लेकिन फ्लाइट्स कम हो गईं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट को ब्राउनफील्ड में बदलने से टिकट के दाम बढ़ गए हैं। ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट पर कम से कम 15-20 फ्लाइट्स होनी चाहिए। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
केंद्र ने नहीं दिया जवाब
विमान कंपनियों के वकील सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार ने एयरपोर्ट पर रियायतें दी हैं, उसी तरह केंद्र को भी आगे आना चाहिए। कोर्ट ने विमान कंपनियों से नई हवाई सेवाओं और समय में बदलाव के बारे में सुझाव देने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विमानन कंपनियां नई हवाई सेवाओं और समय में परिवर्तन के संबंध में सुझाव पेश करें।
500 करोड़ खर्च भी हुए
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जबलपुर एयरपोर्ट पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन फ्लाइट्स की संख्या नहीं बढ़ी। वकील आदित्य सांघी ने कोर्ट को बताया कि 2011 में एयरपोर्ट के विस्तार का वादा किया गया था, लेकिन फ्लाइट्स कम हो गईं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट को ब्राउनफील्ड में बदलने से टिकट के दाम बढ़ गए हैं। ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट पर कम से कम 15-20 फ्लाइट्स होनी चाहिए। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
केंद्र ने नहीं दिया जवाब
विमान कंपनियों के वकील सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार ने एयरपोर्ट पर रियायतें दी हैं, उसी तरह केंद्र को भी आगे आना चाहिए। कोर्ट ने विमान कंपनियों से नई हवाई सेवाओं और समय में बदलाव के बारे में सुझाव देने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विमानन कंपनियां नई हवाई सेवाओं और समय में परिवर्तन के संबंध में सुझाव पेश करें।
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