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कूनो में शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई! तेंदुए से जंग में मादा चीता की मौत, पहली बार सामने आया मामला

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मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में चीतों के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पहली बार जंगली जानवरों के आपसी संघर्ष में किसी चीते की जान गई है। 20 महीने की एक मादा चीता सोमवार को मृत पाई गई है।



वन अधिकारियों के मुताबिक अफ्रीकी चीता ज्वाला से पैदा हुई यह शावक सोमवार को शाम 6.30 बजे मृत पाई गई है। संदेह जताया जा रहा है कि उसकी मौत तेंदुए के हमले में हुई है। चीता प्रोजेक्ट के क्षेत्र निदेशक उत्तम शर्मा के अनुसार 21 फरवरी को यह शावक अपनी मां और तीन भाई-बहनों से अलग हो गई थी। शुरुआती जांच में यही लग रहा है कि तेंदुए के साथ लड़ाई में उसकी मौत हुई है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सही कारण का पता चलेगा।



आपसी संघर्ष का पहला मामला मध्य प्रदेश में 2022 में प्रोजेक्ट चीता शुरू हुआ था। कल बुधवार को इस प्रोजेक्ट को शुरू हुए 3 साल हो जाएंगे। अगर पोस्‍टमॉर्टम र‍िपोर्ट में तेंदुए के हमले की पुष्‍ट‍ि होती है तो यह पहली बार होगा, जब जंगली जानवरों के आपसी संघर्ष में चीता की जान गई है। इस मौत के बाद अब कूनो में 25 चीते बचे हैं। इनमें 9 वयस्क (6 मादा और 3 नर) हैं। इन चीतों में 16 भारत में ही पैदा हुए हैं। प्रोजेक्ट फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा का कहना है कि सभी चीते स्वस्थ हैं।



जुलाई तक 11 चीतों की मौत

2022 में शुरू हुए प्रोजेक्ट चीता को लेकर शुरू से ही चुनौतियां सामने आ रही हैं। पहले अफ्रीका से मध्य प्रदेश लाए गए चीतों के सामने यहां के माहौल में ढलना चुनौती थी। फिर उन्हें कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ा। जुलाई, 2025 तक कूनो नेशनल पार्क में लाए गए 11 चीतों की मौत हो चुकी थी। इनमें 8 वयस्क चीता और 3 भारत में पैदा हुए चीता थे। इनमें से कुछ की मौत बीमारी की वजह से हुई। कुछ की मौत चोट लगने से हुई। (भाषा से इनपुट)

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