US Visa Fixed Term Impact: अमेरिका में जल्द ही स्टूडेंट वीजा को लेकर नियम बदल सकते हैं, जिसका यहां पढ़ने जा रहे हर छात्र पर असर दिखने वाला है। दरअसल, यूएस में स्टूडेंट वीजा को लेकर 'फिक्स-टर्म' लाने की तैयारी की जा रही है। इससे ये तय होगा कि F-1 और J-1 वीजा होल्डर को कितने वक्त तक देश में रहने की इजाजत होगी। F-1 वीजा उन्हें मिलता है, जो अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने आ रहे हैं। J-1 वीजा उन्हें दिया जाता है, जो एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यूएस में पढ़ने आते हैं।
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मौजूदा समय में अगर किसी को F-1 या J-1 वीजा मिलता है, तो वह तब तक अमेरिका में रह सकता है, जब तक उसका कोर्स खत्म नहीं हो जाता है। उसे 'ड्यूरेशन ऑफ स्टेटस' के तहत ये लाभ मिलता है। अब डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) स्टूडेंट वीजा के लिए फिक्स-टर्म लाने का प्लान कर रहा है, जिसका मतलब होगा कि कोर्स की अवधि के इतर तय होगा कि कौन कितने समय देश में रहेगा। इस वजह से स्टूडेंट को कोर्स के बीच में ही वीजा रिन्यू करवाना पड़ सकता है।
भारतीय छात्रों के लिए इसके क्या मायने हैं?
अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट्स में सबसे बड़ा ग्रुप भारतीयों का है। 2024 में यहां 4.20 लाख से ज्यादा भारतीय पढ़ाई कर रहे थे। बहुत से भारतीय ऐसे कोर्सेज कर रहे हैं, जिन्हें पूरा होने में कई साल लगते हैं। इसमें मास्टर्स, पीएचडी या लंबे समय तक चलने वाला रिसर्च शामिल है। फिक्स-टर्म वीजा होने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी, क्योंकि कोर्स के बीच में ही उन्हें वीजा के लिए दौड़ना पड़ेगा।
देश में रहने की अवधि फिक्स होने का मतलब है कि स्टूडेंट को वीजा के लिए दोबारा अप्लाई करना होगा। ऐसे होने पर ना सिर्फ पेपरवर्क बढ़ जाएगा, बल्कि छात्रों को हमेशा वीजा रिन्यूअल की टेंशन भी होगी। ऐसा भी हो सकता है कि वीजा रिन्यू कराने में देरी होने पर स्टूडेंट्स के देश में कानूनी तौर पर रहने के अधिकार खत्म हो जाएं। अगर ऐसा होता है तो उनकी डिग्री फ्रीज हो जाएगी, जो अनिश्चिता का माहौल पैदा करने वाली है।
अभी नियम पर क्या अपडेट है?
DHS ने स्टूडेंट वीजा पर फिक्स-टर्म वाले नियम को व्हाइट हाउस को भेजा, जहां से इस पर रिव्यू कर इसे हरी झंडी दिखा दी गई है। अब जल्द ही ये फेडरल रजिस्टर के पास पहुंचेगा, जहां नए नियम पर लोगों की राय ली जाएगी। अगर नियम ये स्टेप भी पास कर लेता है, तो फिर इसे कानून बनाने की तैयारी की जाएगी। हालांकि, इस तरह का नियम पहली बार नहीं लाया जा रहा है।
ये 2020 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा लाए गए लिमिटेड वीजा जैसा है, जिसमें कोर्स और राष्ट्रीयता के आधार पर लोगों को दो या चार साल के लिए वीजा देने का प्रावधान था। लेकिन फिर ट्रंप सरकार के उस नियम की आलोचना की गई और जो बाइडेन की सरकार बनने पर उसे वापस ले लिया गया। DHS अब कुछ बदलावों के साथ नियम को फिर से लाने की तैयारी में है।
अब आगे क्या होगा?
अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि नए नियम में कितने साल तक के लिए स्टूडेंट वीजा मिलेगा। फेडरल रजिस्टर में पब्लिश होने के बाद लोग इस पर टिप्पणी करेंगे, जिसमें एक से दो महीने लगने वाले हैं। यूनिवर्सिटीज, दूतावास और विदेशी छात्र नियम पर अपना फीडबैक देंगे। फिर DHS इसमें कुछ बदलाव नया नियम जारी कर सकता है। माना जा रहा है कि अगर ये नियम लाया जाता है, तो अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए कम पॉपुलर डेस्टिनेशन बन सकता है।
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मौजूदा समय में अगर किसी को F-1 या J-1 वीजा मिलता है, तो वह तब तक अमेरिका में रह सकता है, जब तक उसका कोर्स खत्म नहीं हो जाता है। उसे 'ड्यूरेशन ऑफ स्टेटस' के तहत ये लाभ मिलता है। अब डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) स्टूडेंट वीजा के लिए फिक्स-टर्म लाने का प्लान कर रहा है, जिसका मतलब होगा कि कोर्स की अवधि के इतर तय होगा कि कौन कितने समय देश में रहेगा। इस वजह से स्टूडेंट को कोर्स के बीच में ही वीजा रिन्यू करवाना पड़ सकता है।
भारतीय छात्रों के लिए इसके क्या मायने हैं?
अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट्स में सबसे बड़ा ग्रुप भारतीयों का है। 2024 में यहां 4.20 लाख से ज्यादा भारतीय पढ़ाई कर रहे थे। बहुत से भारतीय ऐसे कोर्सेज कर रहे हैं, जिन्हें पूरा होने में कई साल लगते हैं। इसमें मास्टर्स, पीएचडी या लंबे समय तक चलने वाला रिसर्च शामिल है। फिक्स-टर्म वीजा होने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी, क्योंकि कोर्स के बीच में ही उन्हें वीजा के लिए दौड़ना पड़ेगा।
देश में रहने की अवधि फिक्स होने का मतलब है कि स्टूडेंट को वीजा के लिए दोबारा अप्लाई करना होगा। ऐसे होने पर ना सिर्फ पेपरवर्क बढ़ जाएगा, बल्कि छात्रों को हमेशा वीजा रिन्यूअल की टेंशन भी होगी। ऐसा भी हो सकता है कि वीजा रिन्यू कराने में देरी होने पर स्टूडेंट्स के देश में कानूनी तौर पर रहने के अधिकार खत्म हो जाएं। अगर ऐसा होता है तो उनकी डिग्री फ्रीज हो जाएगी, जो अनिश्चिता का माहौल पैदा करने वाली है।
अभी नियम पर क्या अपडेट है?
DHS ने स्टूडेंट वीजा पर फिक्स-टर्म वाले नियम को व्हाइट हाउस को भेजा, जहां से इस पर रिव्यू कर इसे हरी झंडी दिखा दी गई है। अब जल्द ही ये फेडरल रजिस्टर के पास पहुंचेगा, जहां नए नियम पर लोगों की राय ली जाएगी। अगर नियम ये स्टेप भी पास कर लेता है, तो फिर इसे कानून बनाने की तैयारी की जाएगी। हालांकि, इस तरह का नियम पहली बार नहीं लाया जा रहा है।
ये 2020 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा लाए गए लिमिटेड वीजा जैसा है, जिसमें कोर्स और राष्ट्रीयता के आधार पर लोगों को दो या चार साल के लिए वीजा देने का प्रावधान था। लेकिन फिर ट्रंप सरकार के उस नियम की आलोचना की गई और जो बाइडेन की सरकार बनने पर उसे वापस ले लिया गया। DHS अब कुछ बदलावों के साथ नियम को फिर से लाने की तैयारी में है।
अब आगे क्या होगा?
अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि नए नियम में कितने साल तक के लिए स्टूडेंट वीजा मिलेगा। फेडरल रजिस्टर में पब्लिश होने के बाद लोग इस पर टिप्पणी करेंगे, जिसमें एक से दो महीने लगने वाले हैं। यूनिवर्सिटीज, दूतावास और विदेशी छात्र नियम पर अपना फीडबैक देंगे। फिर DHS इसमें कुछ बदलाव नया नियम जारी कर सकता है। माना जा रहा है कि अगर ये नियम लाया जाता है, तो अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए कम पॉपुलर डेस्टिनेशन बन सकता है।
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