कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बीजेपी पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के नाम पर लोगों को डराने का आरोप लगाए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को पलटवार किया। अधिकारी ने दावा किया कि कोलकाता के पास एक व्यक्ति की कथित आत्महत्या का एनआरसी मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मृतक प्रदीप कर (57) का नाम 2002 की मतदाता सूची में था और उन्होंने उसी साल पनिहाटी विधानसभा क्षेत्र में वोट भी डाला था। कर का शव मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले के पनिहाटी में उनके घर में फंदे से लटका मिला था।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के कड़े आलोचक सुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी एक व्यक्ति की दुखद मौत का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है और झूठ फैला रही है। उन्होंने साफ किया कि कर की मौत का एनआरसी या एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) से कोई संबंध नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना किसी और वजह से हुई होगी।
ममता ने क्या कहा?
इससे पहले, बीजेपी की 'भय और विभाजन की राजनीति' की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर पार्टी के अभियान ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। बनर्जी ने पोस्ट में कहा कि यह सोचकर मैं अंदर तक हिल जाती हूं कि कैसे बीजेपी ने सालों से एनआरसी के डर से निर्दोष नागरिकों को परेशान किया है, झूठ फैलाया है, दहशत फैलाई है और वोट के लिए असुरक्षा को हथियार बनाया है।
बीजेपी पर लगाए आरोप
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने 'संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच' बना दिया है और कहा कि 'दुखद मौत विषैले दुष्प्रचार' का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच बना दिया है, जहां लोगों को अपने अस्तित्व के अधिकार पर ही संदेह करने पर मजबूर किया जा रहा है। यह दुखद मौत बीजेपी के विषैले दुष्प्रचार का सीधा नतीजा है। दिल्ली में बैठकर राष्ट्रवाद का उपदेश देने वालों ने आम भारतीयों को इतनी निराशा में धकेल दिया है कि वे अपनी ही धरती पर इस डर से मर रहे हैं कि उन्हें 'विदेशी' घोषित कर दिया जाएगा।
ममता की डिमांड क्या?
केंद्र से इस 'हृदयहीन खेल' को समाप्त करने की मांग करते हुए बनर्जी ने दोहराया कि बंगाल 'एनआरसी को कभी अनुमति नहीं देगा' और अपने लोगों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी धरती मां, माटी और मानुष की है, न कि उन लोगों की जो नफरत पर पनपते हैं। दिल्ली के जमींदारों को यह बात जोर से और स्पष्ट रूप से सुननी चाहिए: बंगाल प्रतिरोध करेगा, बंगाल रक्षा करेगा और बंगाल सफल होगा।'
क्या है एनआरसी और एसआईआर?
दरअसल एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक पंजी एक ऐसी प्रक्रिया है। इसके तहत किसी देश के सभी नागरिकों की एक सूची बनाई जाती है। वहीं एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण, एनआरसी प्रक्रिया का एक हिस्सा हो सकता है जिसमें विशेष रूप से गहन जांच की जाती है। इन प्रक्रियाओं का मकसद अवैध प्रवासियों की पहचान करना होता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इसे लेकर काफी चिंताएं जताई जा रही हैं।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के कड़े आलोचक सुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी एक व्यक्ति की दुखद मौत का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है और झूठ फैला रही है। उन्होंने साफ किया कि कर की मौत का एनआरसी या एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) से कोई संबंध नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना किसी और वजह से हुई होगी।
57-year-old Pradeep Kar from 4 Mahajyoti Nagar, Panihati, Khardaha (Ward No. 9) has taken his own life, leaving behind a note that says, “NRC is responsible for my death.” What greater indictment can there be of the BJP’s politics of fear and division?
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 28, 2025
It shakes me to the very…
ममता ने क्या कहा?
इससे पहले, बीजेपी की 'भय और विभाजन की राजनीति' की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर पार्टी के अभियान ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। बनर्जी ने पोस्ट में कहा कि यह सोचकर मैं अंदर तक हिल जाती हूं कि कैसे बीजेपी ने सालों से एनआरसी के डर से निर्दोष नागरिकों को परेशान किया है, झूठ फैलाया है, दहशत फैलाई है और वोट के लिए असुरक्षा को हथियार बनाया है।
बीजेपी पर लगाए आरोप
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने 'संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच' बना दिया है और कहा कि 'दुखद मौत विषैले दुष्प्रचार' का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच बना दिया है, जहां लोगों को अपने अस्तित्व के अधिकार पर ही संदेह करने पर मजबूर किया जा रहा है। यह दुखद मौत बीजेपी के विषैले दुष्प्रचार का सीधा नतीजा है। दिल्ली में बैठकर राष्ट्रवाद का उपदेश देने वालों ने आम भारतीयों को इतनी निराशा में धकेल दिया है कि वे अपनी ही धरती पर इस डर से मर रहे हैं कि उन्हें 'विदेशी' घोषित कर दिया जाएगा।
ममता की डिमांड क्या?
केंद्र से इस 'हृदयहीन खेल' को समाप्त करने की मांग करते हुए बनर्जी ने दोहराया कि बंगाल 'एनआरसी को कभी अनुमति नहीं देगा' और अपने लोगों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी धरती मां, माटी और मानुष की है, न कि उन लोगों की जो नफरत पर पनपते हैं। दिल्ली के जमींदारों को यह बात जोर से और स्पष्ट रूप से सुननी चाहिए: बंगाल प्रतिरोध करेगा, बंगाल रक्षा करेगा और बंगाल सफल होगा।'
क्या है एनआरसी और एसआईआर?
दरअसल एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक पंजी एक ऐसी प्रक्रिया है। इसके तहत किसी देश के सभी नागरिकों की एक सूची बनाई जाती है। वहीं एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण, एनआरसी प्रक्रिया का एक हिस्सा हो सकता है जिसमें विशेष रूप से गहन जांच की जाती है। इन प्रक्रियाओं का मकसद अवैध प्रवासियों की पहचान करना होता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इसे लेकर काफी चिंताएं जताई जा रही हैं।
You may also like

पति ने की मारपीट तो पत्नी ने दे दी जान, फतेहपुर में दहेज हत्या का आरोप, पुलिस जांच शुरू

फिल्म 'गुस्ताख इश्क' का नया गाना 'शहर तेरे' रिलीज

पाकिस्तान के प्रवक्ता के रूप में बात करते हैं राहुल गांधी: मनोज तिवारी

विदाई के बाद रोती-बिलखती पत्नी के मजे लेते दिखे पति देव, Viral Video देख लोग बोले - 'ये तो गया....'

Bihar: तेजस्वी यादव ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए विधायक समेत 10 नेताओं को RJD से निकाला, सियासी हलचल तेज




