नई दिल्ली: रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, कोच गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव लाने की तैयारी में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बीसीसीआई से टीम के सभी मामलों पर पूरा कंट्रोल मांगा है। गंभीर भारतीय क्रिकेट में 'सुपरस्टार कल्चर' को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए 10 नियमों का एक सेट बनाया है। इसमें खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने और टूर पर सही व्यवहार करने के लिए कहा गया है। युवा खिलाड़ियों की टीम चाहते हैं गंभीरउनका दूसरा लक्ष्य भविष्य के लिए एक मजबूत टीम बनाना है। गंभीर ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को टेस्ट टीम से हटाने में अहम भूमिका निभाई। इंग्लैंड दौरे के लिए टीम के चयन से ठीक एक हफ्ते पहले, दोनों ने संन्यास की घोषणा कर दी। गंभीर और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने उन्हें टीम के युवा खिलाड़ियों को मौका देने की योजना के बारे में बता दिया था। यह पहली बार है कि किसी कोच ने टीम के दो सबसे बड़े खिलाड़ियों को हटाने में इतनी सक्रिय भूमिका निभाई है। पहले, भारतीय टीमें कप्तान चलाते थे। गंभीर को चाहिए पूरा कंट्रोलकोच हमेशा पीछे रहते थे और खिलाड़ियों को आगे बढ़ने देते थे। रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ इसके उदाहरण हैं। वे हमेशा विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ थे और उन्होंने कभी भी उनकी बात को चुनौती नहीं दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर का मामला अलग है। टीम से जुड़े फैसलों में उनकी राय कप्तान जितनी ही महत्वपूर्ण है। रोहित, कोहली और अश्विन के संन्यास के बाद, अब वे ही टीम के लिए फैसले लेंगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में हार और ऑस्ट्रेलिया में मिली हार को रोकने के लिए, गंभीर ने बोर्ड से पूरी आजादी मांगी है। शुभमन गिल मानेंगे सारी बातेंरिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ बुमराह ही गंभीर के फैसलों को चुनौती दे सकते थे, शुभमन गिल नहीं। शुभमन गिल शायद उनकी बात मानेंगे क्योंकि वे अभी युवा हैं। भले ही उन्हें भविष्य का स्टार माना जा रहा है, लेकिन वे अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं जहां वे गंभीर के फैसलों को चुनौती दे सकें। वर्तमान भारतीय टेस्ट टीम में सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो गंभीर की रणनीति का विरोध कर सकते थे। बुमराह रोहित शर्मा के समय में उप-कप्तान थे और उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व भी किया है। लेकिन उनकी फिटनेस को लेकर चिंता है और उनके काम के बोझ को कम करने की जरूरत है। इसलिए उन्हें पूर्णकालिक कप्तान बनाना संभव नहीं था। इसलिए, भले ही गिल को कप्तान बनाया जाए, लेकिन गंभीर ही भारतीय टेस्ट टीम के सबसे बड़े बॉस होंगे।
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