नवीन निश्चल, नई दिल्ली: नजफगढ़ में की गई ताबड़तोड़ फायरिंग मामले में पुलिस वॉन्टेड दीपक और उसके साथी की तलाश में दिल्ली के अलावा हरियाणा और राजस्थान में छापे मार रही है। जिन दो शूटरों को मसूरी से गिरफ्तार किया गया था, उनकी निशानदेही पर यह कार्रवाई लगातार दो दिनों से की जा रही है।
जल्द गिरफ्तार होंगे आरोपी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि वॉन्टेड दीपक और उसके साथी के बारे में पता लग चुका है। लेकिन, वह लगातार अपना लोकेशन बदल रहे हैं, जिसकी वजह से पकड़ने में थोड़ा वक्त लग रहा है। जल्द ही यह भी पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे।
28 अक्टूबर की रात हुई थी फायरिंग
डीसीपी द्वारका अंकित सिंह के निर्देश पर ACP ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार और सुभाष चंद की टीम 28 अक्टूबर की रात फायरिंग की वारदात के बाद से ही इस मामले में आरोपियों को दबोचने में जुटी हुई है। गौरतलब है कि मनीष और हिमांशु को मसूरी से गिरफ्तार किया गया था जबकि दो अन्य आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।
रोहित लांबा के घर चलाई ताबड़तोड़ गोलियां
इस मामले में पुलिस को पता चला था कि ब्रेजा गाड़ी में चार लोग नजफगढ़ के अर्जुन पार्क पहुंचे थे। एक गाड़ी चला रहा था, बाकी बैठे तीन लोगों ने कई राउंड गोलियां रोहित लांबा के घर पर चलाई थीं। उन्हें बताया गया था कि रोहित अशोक प्रधान गैंग से जुड़ा हुआ है।
हिमांशु भाऊ गैंग से जुड़ रहे बदमाश के तार
किस्मत अच्छी थी कि कई राउंड फायरिंग में रोहित बाल-बाल बच गया। उसकी हत्या करवाने के लिए हिमांशु भाऊ गैंग से जुड़े बदमाश दीपक ने झज्जर जेल में हुए झगड़े का बदला लेने के लिए भाऊ से मदद ली थी। फिर दो शूटरों को हायर किया गया था जिनको काम पूरा होने के बाद 4 लाख रुपए देने थे। इन्होंने फायरिंग के लिए बहादुरगढ़ से एक गाड़ी रेट पर दो दिन के लिए ली थी। उसी गाड़ी से अर्जुन पार्क पहुंचकर गोलियां चलाई गई थी।
जल्द गिरफ्तार होंगे आरोपी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि वॉन्टेड दीपक और उसके साथी के बारे में पता लग चुका है। लेकिन, वह लगातार अपना लोकेशन बदल रहे हैं, जिसकी वजह से पकड़ने में थोड़ा वक्त लग रहा है। जल्द ही यह भी पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे।
28 अक्टूबर की रात हुई थी फायरिंग
डीसीपी द्वारका अंकित सिंह के निर्देश पर ACP ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार और सुभाष चंद की टीम 28 अक्टूबर की रात फायरिंग की वारदात के बाद से ही इस मामले में आरोपियों को दबोचने में जुटी हुई है। गौरतलब है कि मनीष और हिमांशु को मसूरी से गिरफ्तार किया गया था जबकि दो अन्य आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।
रोहित लांबा के घर चलाई ताबड़तोड़ गोलियां
इस मामले में पुलिस को पता चला था कि ब्रेजा गाड़ी में चार लोग नजफगढ़ के अर्जुन पार्क पहुंचे थे। एक गाड़ी चला रहा था, बाकी बैठे तीन लोगों ने कई राउंड गोलियां रोहित लांबा के घर पर चलाई थीं। उन्हें बताया गया था कि रोहित अशोक प्रधान गैंग से जुड़ा हुआ है।
हिमांशु भाऊ गैंग से जुड़ रहे बदमाश के तार
किस्मत अच्छी थी कि कई राउंड फायरिंग में रोहित बाल-बाल बच गया। उसकी हत्या करवाने के लिए हिमांशु भाऊ गैंग से जुड़े बदमाश दीपक ने झज्जर जेल में हुए झगड़े का बदला लेने के लिए भाऊ से मदद ली थी। फिर दो शूटरों को हायर किया गया था जिनको काम पूरा होने के बाद 4 लाख रुपए देने थे। इन्होंने फायरिंग के लिए बहादुरगढ़ से एक गाड़ी रेट पर दो दिन के लिए ली थी। उसी गाड़ी से अर्जुन पार्क पहुंचकर गोलियां चलाई गई थी।
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