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Bihar: गया से हो रही है एक क्रांति की शुरुआत, जीविका दीदियों का 'वीटामिक्स' बच्चों और माताओं के लिए होगा वरदान?

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गयाः बिहार में गया में जीविका दीदियां एक बेहतरीन पहल की शुरुआत कर रही हैं। वे ‘वीटामिक्स’ नामक एक खास तरह का पौष्टिक आहार पाउडर तैयार कर रही हैं। यह पाउडर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह उन्हें कुपोषण से बचाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, इससे जीविका दीदियों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। ‘वीटामिक्स’ उत्पादन संयंत्र की स्थापनायह पहल राज्य कार्यालय के निर्देशों के तहत जिला परियोजना समन्वयन इकाई, गया और ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रीशन के संयुक्त प्रयासों से संभव हो पाई है। शुरुआती पूंजी और सहायता निदान एनजीओ ने प्रदान की है। इसके तहत, बोधगया ब्लॉक के सहदेव खाप गांव में ‘वीटामिक्स’ उत्पादन संयंत्र की स्थापना की गई है। यह संयंत्र रौशन जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा संचालित किया जा रहा है। हर महीने 30 टन ‘वीटामिक्स’ पाउडर का उत्पादन यह संयंत्र एक महीने में 30 टन ‘वीटामिक्स’ पाउडर का उत्पादन कर सकता है। यह दर्शाता है कि जीविका केवल आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बच्चों और गर्भवती माताओं को पोषक आहार देने का लक्ष्यबोधगया में स्थापित यह इकाई फूड फोर्टिफिकेशन पर केंद्रित है। यहां ‘वीटामिक्स’ ब्रांड नाम से यह पौष्टिक आहार पाउडर तैयार किया जाता है। यह पाउडर विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती माताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका उद्देश्य उन्हें आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करना और कुपोषण से बचाना है। करीब 25 हजार बच्चों और महिलाओं को मिल रहा पौष्टिक आहार‘वीटामिक्स’ का वितरण समेकित बाल विकास योजना के माध्यम से बोधगया और डोभी प्रखंडों में किया जा रहा है। वर्तमान में, लगभग 11,500 से 12,000 बच्चे और 1,720 गर्भवती महिलाएँ इस पौष्टिक आहार को प्राप्त कर रही हैं। ‘वीटामिक्स’ पाउडर क्या है? ‘वीटामिक्स’ एक विशेष प्रकार का पौष्टिक आहार है जिसे कुपोषण को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह फोर्टिफाइड उत्पाद विभाग द्वारा जारी किए गए सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन करता है। इसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं। लाभार्थियों को ‘टेक होम राशन’ की सुविधाइस विकेन्द्रीकृत खाद्य सुदृढ़ीकरण इकाई का उद्देश्य आईसीडीएस के तहत लाभार्थियों को ‘टेक होम राशन’ के रूप में पौष्टिक आहार प्रदान करना है। इससे बच्चों और माताओं को अच्छी गुणवत्ता और पर्याप्त मात्रा में पूरक आहार मिल रहा है। यह आईसीडीएस दिशानिर्देशों के अनुरूप है। विटामिन ए , आयरन और आयोडीन समेत अन्य पोषक तत्व‘वीटामिक्स’ की मदद से आयरन, विटामिन ए और आयोडीन जैसी सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में मदद मिलने की उम्मीद है। इस फोर्टिफाइड उत्पाद की शेल्फ लाइफ 3 महीने है। प्रयोगशाला में जाँच के बाद ही इसे आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषित बच्चों को वितरित किया जाता है।‘वीटामिक्स’ बनाने के लिए गेहूं का आटा, चावल का आटा, मूंग दाल का आटा और चीनी का इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर किया जाता है। यह संयंत्र वर्तमान में 1 किलो और 2 किलो के पैकेट में श्वीटामिक्सश् पौष्टिक आहार की आपूर्ति बोधगया और डोभी के आईसीडीएस परियोजना के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों को कर रहा है। मासिक आधार पर 275 आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘वीटामिक्स’ की आपूर्ति की जाती है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरबोधगया में ‘वीटामिक्स’ इकाई प्रतिदिन 1,000 से 1,200 किलोग्राम आहार का उत्पादन कर रही है। इससे जीविका दीदियों सहित कुल 19 लोगों को रोजगार मिला है। इस इकाई का संचालन रौशन जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा किया जाता है। यह संगठन 2007 में स्थापित किया गया था और यह बोधगया ब्लॉक के सहदेव खाप गांव में बारह स्वयं सहायता समूहों का प्रतिनिधित्व करता है। इस ग्राम संगठन में 12 स्वयं सहायता समूहों की 175 महिला सदस्य हैं।गया के जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि गया जिले में जीविका दीदियों की ओर से विटामिनिक्स पाउडर का निर्माण किया जा रहा है। यह पाउडर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत पौष्टिक है। इसके सेवन से उन्हें कुपोषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल, जिले के दो प्रखंडों में आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से इसका वितरण किया जा रहा है। जल्द ही इसे अन्य प्रखंडों में भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे जीविका दीदियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।
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