पटना: बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। इसमें चुनाव आयोग ने मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इसमें अब तक सिर्फ एक पार्टी सीपीआई (एमएल) लिबरेशन पार्टी CPI (ML Liberation) ने दो आपत्तियां दर्ज कराई हैं। चुनाव आयोग (ECI) के मुताबिक इस पार्टी ने मतदाता सूची में सुधार के लिए यह कदम उठाया है। एक अगस्त से 22 अगस्त के बीच सिर्फ इस एक राजनीतिक पार्टी ने आयोग के समक्ष शिकायतें दर्ज कराई है।
बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाले अक्टूबर-नवंबर माह में हो सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए 1,60,813 बूथ लेवल एजेंट (BLA) लोगों से फॉर्म 6 (नाम जुड़वाने के लिए) और फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) ले सकते हैं। वे खुद भी जरूरी कागजात के साथ आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। अगर कोई बिना फॉर्म या जरूरी कागजात के शिकायत करता है, तो उसे शिकायत नहीं माना जाएगा।
ढाई लाख से अधिक नए युवा मतदाता आए
चुनाव आयोग को सीधे मतदाताओं से 84,305 शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें नाम जुड़वाने और हटाने से जुड़ी हैं। इनमें से 6,092 शिकायतों का निपटारा पिछले सात दिनों में किया गया है। आयोग को 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के नए मतदाताओं से 2,63,257 फॉर्म 6 और घोषणा पत्र मिले हैं।
नियमों के अनुसार, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO) या सहायक चुनाव पंजीकरण अधिकारी (AERO) को शिकायतों का निपटारा सात दिन के नोटिस के बाद ही करना होता है। यह तभी होता है जब वे पहले यह जांच लेते हैं कि शिकायत सही है या नहीं।
SIR के नियमों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को जारी की गई मतदाता सूची से किसी का भी नाम बिना ERO/AERO के आदेश के नहीं हटाया जा सकता। आदेश देने से पहले अधिकारी को जांच करनी होगी और व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका देना होगा।
वेबसाइट पर उपलब्ध है वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जिन लोगों के नाम 1 अगस्त, 2025 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उनकी सूची जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO)/जिला मजिस्ट्रेट (DM) की वेबसाइटों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आप एपिक (EPIC) नंबर से अपना नाम खोज सकते हैं। अगर किसी को कोई शिकायत है, तो वह अपने आधार कार्ड की कॉपी के साथ दावा पेश कर सकता है।
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम 24 जून से शुरू हुआ था। लगभग 65 लाख मतदाता अयोग्य पाए गए और उनके नाम एक अगस्त को जारी की गई मतदाता सूची में शामिल नहीं थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव आने वाले अक्टूबर-नवंबर माह में हो सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए 1,60,813 बूथ लेवल एजेंट (BLA) लोगों से फॉर्म 6 (नाम जुड़वाने के लिए) और फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) ले सकते हैं। वे खुद भी जरूरी कागजात के साथ आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। अगर कोई बिना फॉर्म या जरूरी कागजात के शिकायत करता है, तो उसे शिकायत नहीं माना जाएगा।
ढाई लाख से अधिक नए युवा मतदाता आए
चुनाव आयोग को सीधे मतदाताओं से 84,305 शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें नाम जुड़वाने और हटाने से जुड़ी हैं। इनमें से 6,092 शिकायतों का निपटारा पिछले सात दिनों में किया गया है। आयोग को 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के नए मतदाताओं से 2,63,257 फॉर्म 6 और घोषणा पत्र मिले हैं।
नियमों के अनुसार, चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO) या सहायक चुनाव पंजीकरण अधिकारी (AERO) को शिकायतों का निपटारा सात दिन के नोटिस के बाद ही करना होता है। यह तभी होता है जब वे पहले यह जांच लेते हैं कि शिकायत सही है या नहीं।
SIR के नियमों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को जारी की गई मतदाता सूची से किसी का भी नाम बिना ERO/AERO के आदेश के नहीं हटाया जा सकता। आदेश देने से पहले अधिकारी को जांच करनी होगी और व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका देना होगा।
वेबसाइट पर उपलब्ध है वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जिन लोगों के नाम 1 अगस्त, 2025 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उनकी सूची जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO)/जिला मजिस्ट्रेट (DM) की वेबसाइटों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आप एपिक (EPIC) नंबर से अपना नाम खोज सकते हैं। अगर किसी को कोई शिकायत है, तो वह अपने आधार कार्ड की कॉपी के साथ दावा पेश कर सकता है।
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम 24 जून से शुरू हुआ था। लगभग 65 लाख मतदाता अयोग्य पाए गए और उनके नाम एक अगस्त को जारी की गई मतदाता सूची में शामिल नहीं थे।
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