मौसम बदलने के साथ, डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल मच्छरों के काटने से लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ती है। मलेरिया सिर्फ बरसात में ही नहीं, गर्मी में भी तेजी से बढ़ता है। गर्मी का मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल बनाता है, जिससे मलेरिया फैलने का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया से बचाव के तरीके क्या हैं? मलेरिया के लक्षणों में ठंड के साथ बुखार, मांसपेशियों में दर्द और प्लेटलेट्स में कमी शामिल है। मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी, कीटनाशक और तेल का इस्तेमाल करें। घर और आसपास के इलाके को साफ रखें और पानी जमा होने से रोकें। हल्के रंग के, ढीले और लंबे कपड़े पहनें जो मच्छरों को शरीर से दूर रखें। हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है। मलेरिया में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। इसके इलाज के लिए आप दवाओं के साथ गिलोय और एलोवेरा का जूस, बकरी का दूध, अंकुरित अनाज और खजूर जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं। प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए क्या करें आयुर्वेद डॉक्टर कपिल त्यागी के अनुसार, गिलोय और एलोवेरा का जूस पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है और प्लेटलेट्स में भी सुधार होता है। बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार होता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करें। अंकुरित अनाज और खजूर में मौजूद मिनरल्स और फाइबर शरीर को जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं। मलेरिया कैसे होता हैमलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह बीमारी प्लास्मोडियम नामक परजीवी के कारण होती है। जब एक संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तो परजीवी उस व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाते हैं। मलेरिया के लक्षण क्या हैं मलेरिया के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जबकि अन्य में गंभीर लक्षण हो सकते हैं। मलेरिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: ठंड लगना, बुखार, पसीना आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और दस्त। मलेरिया का इलाज मलेरिया का इलाज एंटी-मलेरियल दवाओं से किया जाता है। ये दवाएं परजीवी को मारती हैं और बीमारी को ठीक करती हैं। मलेरिया से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैं- मच्छरदानी का उपयोग करना, कीटनाशक का उपयोग करना, घर के आसपास पानी जमा होने से रोकना और मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करते समय निवारक दवाएं लेना। मलेरिया से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय मलेरिया से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं। नीम के पत्तों से उबला हुआ पानी पीने से मलेरिया वायरस कमजोर होता है। गिलोय एक आयुर्वेदिक पौधा है जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है। गिलोय का नियमित सेवन बुखार को कम करने में मदद करता है। धनिया के बीजों को पानी में उबालकर पीने से बुखार और थकान से राहत मिलती है।
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