मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की। ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। भारत-चीन के अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीद जारी रखने पर पुतिन ने यह बात कही है। पुतिन ने कहा कि भारत ने अमेरिका के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया, ये दिल्ली की स्वतंत्र नीति को दिखाता है। पुतिन ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की।
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में एक बहुपक्षीय विश्व की वकालत करता है। वे दिन हमेशा के लिए चले गए, जब महाशक्तियों का एक छोटा समूह यह तय करता था कि पूरी दुनिया को कैसे जीना चाहिए। दुनिया ने दशकों से एक ऐसी व्यवस्था थोपने की कोशिशें देखी हैं, जो अधिकांश वैश्विक परंपराओं के विपरीत है। अब यह कामयाब नहीं होगी।
ट्रंप पर निशाना, भारत की तारीफब्लैक सी किनारे बसे रिजॉर्ट शहर सोची में वल्दाई चर्चा समूह में बोलते हुए पुतिन ने अमेरिका को भारत पर रूसी तेल खरीदने से रोकने के लिए दबाव डालने के खिलाफ चेताया है। उन्होंने कहा, 'भारत जैसे देश के लोग राजनीतिक नेतृत्व के फैसलों पर कड़ी नज़र रखेंगे और किसी के सामने अपमान नहीं होने देंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं। मोदी खुद इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे, जो देश के हित में ना हो।'
पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।
हम पूरे नाटो से लड़ रहे हैंयूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर पुतिन ने कहा कि किसी एक देश से हमारी लड़ाई नहीं है, सभी नाटो देश हमसे लड़ रहे हैं। ये अब किसी से छुपा हुआ नहीं है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में नाटो के प्रशिक्षक युद्ध अभियानों में भाग ले रहे हैं। यूरोप में विशेष रूप से एक केंद्र बनाया गया है। रूस के खिलाफ हर तरह से मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के रवैये की वजह से ही यूक्रेन में युद्ध लंबा चल रहा है।
पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में एक बहुपक्षीय विश्व की वकालत करता है। वे दिन हमेशा के लिए चले गए, जब महाशक्तियों का एक छोटा समूह यह तय करता था कि पूरी दुनिया को कैसे जीना चाहिए। दुनिया ने दशकों से एक ऐसी व्यवस्था थोपने की कोशिशें देखी हैं, जो अधिकांश वैश्विक परंपराओं के विपरीत है। अब यह कामयाब नहीं होगी।
ट्रंप पर निशाना, भारत की तारीफब्लैक सी किनारे बसे रिजॉर्ट शहर सोची में वल्दाई चर्चा समूह में बोलते हुए पुतिन ने अमेरिका को भारत पर रूसी तेल खरीदने से रोकने के लिए दबाव डालने के खिलाफ चेताया है। उन्होंने कहा, 'भारत जैसे देश के लोग राजनीतिक नेतृत्व के फैसलों पर कड़ी नज़र रखेंगे और किसी के सामने अपमान नहीं होने देंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं। मोदी खुद इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे, जो देश के हित में ना हो।'
पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।
हम पूरे नाटो से लड़ रहे हैंयूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर पुतिन ने कहा कि किसी एक देश से हमारी लड़ाई नहीं है, सभी नाटो देश हमसे लड़ रहे हैं। ये अब किसी से छुपा हुआ नहीं है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में नाटो के प्रशिक्षक युद्ध अभियानों में भाग ले रहे हैं। यूरोप में विशेष रूप से एक केंद्र बनाया गया है। रूस के खिलाफ हर तरह से मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के रवैये की वजह से ही यूक्रेन में युद्ध लंबा चल रहा है।
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