AI लोगों के रोजमर्रा के जीवन में तो काम आ ही रहा है, साथ ही इसके इस्तेमाल से रोबोट्स को भी इंसानों जैसा बनाया जा रहा। राजनीति में भी AI की एंट्री हो चुकी है। हाल ही में एक देश ने तो AI को मंत्री ही बना दिया था। बहरहाल, अब पेरप्लेक्सिटी AI भारत में अब एक ऐसा फीचर लाने वाली है, जो भारत में नेताओं के शेयर खरीद-बिक्री की जानकारी देगा। ऐसा फीचर फिलहाल अमेरिका में है, जहां के नेताओं के शेयर बिक्री और खरीदी के बारे में डेटा दिया जाता है। अब भारत में भी यही फीचर आएगा। कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने एक्स पर कहा है कि यह कुछ हफ्तों में उपलब्ध हो जाएगा।
नेताओं की शेयर होल्डिंग्स दिखेगीपेरप्लेक्सिटी फाइनेंस प्लेटफॉर्म पर यह नया फीचर आएगा। इससे भारत के लोग अपने नेताओं के शेयर होल्डिंग्स देख सकेंगे। अरविंद श्रीनिवास ने एक्स पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'भारतीय नेताओं के होल्डिंग्स कुछ हफ्तों में आ जाएंगे'।' अमेरिका में यह फीचर पहले से है, वहां लोग कंपनी या नेता के नाम से सर्च कर सकते हैं। भारत में भी वैसा ही होगा।
अमेरिका में कैसे काम करता है यह फीचरअमेरिका में पेरप्लेक्सिटी फाइनेंस सरकारी दस्तावेजों से जानकारी लेता है। सरकारी संस्थाओं के फाइलिंग्स का इस्तेमाल होता है। कंपनी सर्च करने पर पता चलता है कि कौन-सा नेता किस कंपनी के शेयर रखता है। नेता का नाम सर्च करने पर उसकी कई कंपनियों में ट्रेडिंग दिखती है। भारत में भी चुनावी हलफनामे और बाकी दस्तावेज इस्तेमाल होंगे। इससे नेताओं की आर्थिक गतिविधियां साफ दिखेंगी।
क्या सफल होगा पेरप्लेक्सिटी AI का यह फीचर?हालांकि, कई लोग इसकी सफलता पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ ने कहा कि भारतीय नेता अक्सर अपने नाम से इनवेस्टमेंट नहीं करते। एक यूजर ने लिखा, 'वे ज्यादातर रिश्तेदारों या किन्ही बाहरी लोगों के नामों पर संपत्ति रखते हैं।' इससे सही जानकारी जुटाना मुश्किल होगा। फिर भी, कंपनी सार्वजनिक दस्तावेजों पर भरोसा कर रही है। लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट के तहत फाइलिंग्स और चुनाव आयोग को दी गई जानकारी का इस्तेमाल होगा। अगर सही तरीके से बने, तो यह बड़ा बदलाव ला सकता है।
पेरप्लेक्सिटी AI के सीईओ को यूजर की सलाहकुछ यूजर्स को तो यह भी डर है कि पेरप्लेक्सिटी AI ऐसा करेगी तो कहीं उस पर ही रोक ना लग जाए। एक यूजर ने तो पेरप्लेक्सिटी AI के सीईओ को साह देते हुए लिखा कि इस गंदे पानी में मत उतरो, वरना नीति के नाम पर अच्छा प्रोडक्ट खो देंगे। लेकिन कुछ यूजर्स इसे जरूरी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नेताओं में जवाबदेही आएगी। यह पता लग जाएगा कि कौनसा नेता कहां कितना पैसा इन्वेस्ट कर रहा।
नेताओं की शेयर होल्डिंग्स दिखेगीपेरप्लेक्सिटी फाइनेंस प्लेटफॉर्म पर यह नया फीचर आएगा। इससे भारत के लोग अपने नेताओं के शेयर होल्डिंग्स देख सकेंगे। अरविंद श्रीनिवास ने एक्स पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'भारतीय नेताओं के होल्डिंग्स कुछ हफ्तों में आ जाएंगे'।' अमेरिका में यह फीचर पहले से है, वहां लोग कंपनी या नेता के नाम से सर्च कर सकते हैं। भारत में भी वैसा ही होगा।
अमेरिका में कैसे काम करता है यह फीचरअमेरिका में पेरप्लेक्सिटी फाइनेंस सरकारी दस्तावेजों से जानकारी लेता है। सरकारी संस्थाओं के फाइलिंग्स का इस्तेमाल होता है। कंपनी सर्च करने पर पता चलता है कि कौन-सा नेता किस कंपनी के शेयर रखता है। नेता का नाम सर्च करने पर उसकी कई कंपनियों में ट्रेडिंग दिखती है। भारत में भी चुनावी हलफनामे और बाकी दस्तावेज इस्तेमाल होंगे। इससे नेताओं की आर्थिक गतिविधियां साफ दिखेंगी।
क्या सफल होगा पेरप्लेक्सिटी AI का यह फीचर?हालांकि, कई लोग इसकी सफलता पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ ने कहा कि भारतीय नेता अक्सर अपने नाम से इनवेस्टमेंट नहीं करते। एक यूजर ने लिखा, 'वे ज्यादातर रिश्तेदारों या किन्ही बाहरी लोगों के नामों पर संपत्ति रखते हैं।' इससे सही जानकारी जुटाना मुश्किल होगा। फिर भी, कंपनी सार्वजनिक दस्तावेजों पर भरोसा कर रही है। लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट के तहत फाइलिंग्स और चुनाव आयोग को दी गई जानकारी का इस्तेमाल होगा। अगर सही तरीके से बने, तो यह बड़ा बदलाव ला सकता है।
पेरप्लेक्सिटी AI के सीईओ को यूजर की सलाहकुछ यूजर्स को तो यह भी डर है कि पेरप्लेक्सिटी AI ऐसा करेगी तो कहीं उस पर ही रोक ना लग जाए। एक यूजर ने तो पेरप्लेक्सिटी AI के सीईओ को साह देते हुए लिखा कि इस गंदे पानी में मत उतरो, वरना नीति के नाम पर अच्छा प्रोडक्ट खो देंगे। लेकिन कुछ यूजर्स इसे जरूरी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नेताओं में जवाबदेही आएगी। यह पता लग जाएगा कि कौनसा नेता कहां कितना पैसा इन्वेस्ट कर रहा।
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