किशनगंजः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के खून में नफरत है। वे लोगों को बांटना चाहते हैं, नफरत फैलाना चाहते हैं। मेरे खून में मोहब्बत और भाईचारा है। मैं हिंदुस्तान को जोड़ना चाहता हूं। यही फर्क है- यही लड़ाई है। राहुल गांधी रविवार को बिहार के किशनगंज में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
विचारधारा के बीच सीधी लड़ाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश को बांटने का प्रयास कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और देश को जोड़ने का संकल्प लिए हुए ‘इंडिया’ गठबंधन की विचारधारा के बीच इस समय सीधी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस समाज में डर और घृणा का माहौल बनाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग एक-दूसरे से डरें, नफरत करें, ताकि वे सत्ता में बने रहें।
उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं,अदाणी को दी जाती है
राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो बिहार आकर कहते हैं कि यहां उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है। लेकिन जब अदाणी की बात आती है, तो उन्हें जमीन दी जाती है। बिहार में एक भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है, जबकि यहां के किसानों के पास अपार संभावनाएं हैं।
कांग्रेस नेता ने बिहार की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य कभी ज्ञान और शिक्षा का केंद्र था। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान था, जहां विदेश से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। आज उसी बिहार को बेरोजगारी, गरीबी और पलायन के लिए जाना जाता है, जो अत्यंत दुखद है।
केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हुआ
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल में केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हुआ है, जबकि आम जनता की स्थिति लगातार खराब हुई है। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन सच्चाई यह है कि उनका पूरा ध्यान कुछ गिने-चुने लोगों के विकास पर है। राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार भाजपा और राजग को करारा जवाब देगी और ‘इंडिया’ गठबंधन को भारी समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग समझ चुके हैं कि विकास केवल नारों से नहीं, नीयत और नीतियों से होता है।
विचारधारा के बीच सीधी लड़ाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश को बांटने का प्रयास कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और देश को जोड़ने का संकल्प लिए हुए ‘इंडिया’ गठबंधन की विचारधारा के बीच इस समय सीधी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस समाज में डर और घृणा का माहौल बनाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग एक-दूसरे से डरें, नफरत करें, ताकि वे सत्ता में बने रहें।
उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं,अदाणी को दी जाती है
राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो बिहार आकर कहते हैं कि यहां उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है। लेकिन जब अदाणी की बात आती है, तो उन्हें जमीन दी जाती है। बिहार में एक भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है, जबकि यहां के किसानों के पास अपार संभावनाएं हैं।
कांग्रेस नेता ने बिहार की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य कभी ज्ञान और शिक्षा का केंद्र था। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान था, जहां विदेश से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। आज उसी बिहार को बेरोजगारी, गरीबी और पलायन के लिए जाना जाता है, जो अत्यंत दुखद है।
केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हुआ
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल में केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हुआ है, जबकि आम जनता की स्थिति लगातार खराब हुई है। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन सच्चाई यह है कि उनका पूरा ध्यान कुछ गिने-चुने लोगों के विकास पर है। राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार भाजपा और राजग को करारा जवाब देगी और ‘इंडिया’ गठबंधन को भारी समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग समझ चुके हैं कि विकास केवल नारों से नहीं, नीयत और नीतियों से होता है।
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