लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष सत्र के दौरान सदस्यों ने अपनी अपनी राय रखी। इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक अभय सिंह ने जब बोलना शुरू किया तो सदन हंसी में डूब गया। अभय सिंह ओपन एआई चैटजीपीटीत के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि एआई में आप जो भी इनपुट डालते हैं, उसे कैलकुलेट कर संबंधित डेटा ओपन एआई की ओर से जारी किया जाता है। वह अपनी तरफ से कुछ भी नहीं बताता है। इसमें कई बार बड़ी गलती के गुंजाइश रहती है। उन्होंने कहा कि हमने चैटजीपीटी से राजयोग को लेकर सवाल किया था। हमें जवाब मिला आपका राजयोग इस समय से इतने समय तक रहने वाला है। अब आप देख लीजिए। दरअसल, उन्होंने समाजवादी पार्टी से खुद को निष्कासित किए जाने पर यह चुटकी ली।
एआई टूल्स को बताया ठगविधानसभा में सोमवार को आयोजित विशेष सत्र के दौरान गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह के बयान पर सदन में खूब ठहाके लगे। अभय सिंह ने चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स को ठग बताते हुए कहा कि इनके पास अपनी कोई जानकारी नहीं होती। ये एआई टूल्स हमारा ही डेटा लेकर हमें वापस देते हैं।
भरोसेमंद नहीं है डेटाहाल ही में सपा से निष्कासित किए गए अभय सिंह ने कहा कि एआई का डेटा भरोसेमंद नहीं है। यह जनता का असली मूड या किसी विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी की लहर है, यह नहीं बता सकता। उन्होंने मजाकिया लहजे में बताया कि जब उन्होंने चैटजीपीटी से पूछा कि वर्ल्ड वॉर हुआ तो क्या होगा, तो उसने उन्हें अमेरिका के साथ बैठा दिया।
अभय सिंह ने कहा कि हमने एआई को याद कि अमेरिका तो पाकिस्तान का सहयोगी है। इसके बाद एआई ने जवाब दिया कि वे रूस के साथ जा सकते हैं। इस प्रकार एआई अपनी समझ से कुछ नहीं बताता। वह फीडेड इनपुट के आधार पर जानकारी देता है।
कुंडली का जिक्रअभय सिंह ने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने एआई से अपनी कुंडली में राजयोग की अवधि पूछी, तो उसने एक समयसीमा बताई। लेकिन जब उन्होंने बताया कि पंडित जी ने अलग समय बताया है। इस पर एआई ने मान लिया कि वह गलत है, क्योंकि उसने उनका मूल नक्षत्र नहीं देखा था।
स्पीकर ने की टिप्पणीविधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बीच में टिप्पणी की कि यही एआई है, जो इस सत्र में समझाने का मकसद है। इस पर अभय सिंह ने कहा कि अगर हम इस पर निर्भर हो गए तो यह हमें उसी तरह गिरा देगा, जैसे गूगल मैप कई बार गाड़ियों को गिरा देता है।
हालांकि, अभय सिंह ने माना कि तात्कालिक जानकारी पाने में एआई उपयोगी हो सकता है, लेकिन इस पर पूरी तरह भरोसा करना खतरनाक होगा। अभय सिंह के इन बयानों का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
एआई टूल्स को बताया ठगविधानसभा में सोमवार को आयोजित विशेष सत्र के दौरान गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह के बयान पर सदन में खूब ठहाके लगे। अभय सिंह ने चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स को ठग बताते हुए कहा कि इनके पास अपनी कोई जानकारी नहीं होती। ये एआई टूल्स हमारा ही डेटा लेकर हमें वापस देते हैं।
भरोसेमंद नहीं है डेटाहाल ही में सपा से निष्कासित किए गए अभय सिंह ने कहा कि एआई का डेटा भरोसेमंद नहीं है। यह जनता का असली मूड या किसी विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी की लहर है, यह नहीं बता सकता। उन्होंने मजाकिया लहजे में बताया कि जब उन्होंने चैटजीपीटी से पूछा कि वर्ल्ड वॉर हुआ तो क्या होगा, तो उसने उन्हें अमेरिका के साथ बैठा दिया।
अभय सिंह ने कहा कि हमने एआई को याद कि अमेरिका तो पाकिस्तान का सहयोगी है। इसके बाद एआई ने जवाब दिया कि वे रूस के साथ जा सकते हैं। इस प्रकार एआई अपनी समझ से कुछ नहीं बताता। वह फीडेड इनपुट के आधार पर जानकारी देता है।
कुंडली का जिक्रअभय सिंह ने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने एआई से अपनी कुंडली में राजयोग की अवधि पूछी, तो उसने एक समयसीमा बताई। लेकिन जब उन्होंने बताया कि पंडित जी ने अलग समय बताया है। इस पर एआई ने मान लिया कि वह गलत है, क्योंकि उसने उनका मूल नक्षत्र नहीं देखा था।
स्पीकर ने की टिप्पणीविधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बीच में टिप्पणी की कि यही एआई है, जो इस सत्र में समझाने का मकसद है। इस पर अभय सिंह ने कहा कि अगर हम इस पर निर्भर हो गए तो यह हमें उसी तरह गिरा देगा, जैसे गूगल मैप कई बार गाड़ियों को गिरा देता है।
हालांकि, अभय सिंह ने माना कि तात्कालिक जानकारी पाने में एआई उपयोगी हो सकता है, लेकिन इस पर पूरी तरह भरोसा करना खतरनाक होगा। अभय सिंह के इन बयानों का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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