आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से जॉब मार्केट को बदल रहा है। कई सेक्टर्स में एआई की वजह से छंटनी हो रही हैं और कई में एआई ने जॉब ने के नए रास्ते खोले हैं। ये बदलाव अब ओवरसीज जॉब पर भी नजर आने लगा है। विदेशी में नौकरियां एआई के खास स्किल से प्रभावित हुई हैं और ये बात जॉब तलाश रहे युवाओं के लिए बहुत जरूरी है।
विदेशी धरती पर जॉब करने का सपना देखने से पहले जान लीजिए कि एआई ने शिफ्ट इन डिमांड के साथ जॉब ऑप्शन का पैरामीटर कितना बदला है। इसके चलते जहां रूटीन जॉब्स कम हुई हैं तो वहीं नई नौकरियों की भरमार भी होने लगी है। विदेशी नौकरियों पर एआई का जादू कितना और कैसा चला है, जानिए।
13.3 करोड़ नई जॉब्सवर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक एआई ग्लोबली 7.5 करोड़ जॉब्स को कम कर देगा। लेकिन 13.3 करोड़ नई नौकरियां बनाएगा भी। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि 5.8 करोड़ नई जॉब की वजह एआई ही होगा। जॉब पाने की सबसे बड़ी शर्त अब AI स्किल है… और आप NBT AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप में सीट बुक करके अपनी जीत की चाबी पा सकते हैं।
कौन-सी जॉब्स कम हो जाएंगी?एआई से सिर्फ नौकरियां मिलेंगी नहीं बल्कि इसकी वजह से कुछ सेक्टर में नौकरियां कम होंगी ही। विदेश में जॉब करने की चाहत रखते हैं तो जान लीजिए कि एआई हर सेक्टर में जॉब बढ़ा ही नहीं रहा है बल्कि कुछ जॉब रोल्स को कम भी कर रहा है।
रूटीन वर्कहर सेक्टर में ऐसे काम होते हैं, जिन्हें करना ही होता है। इन्हें रूटीन टास्क कह सकते हैं। एआई ऐसे कामों को रिप्लेस कर रहा है। इसका असर कस्टमर सर्विस, मैन्यूफैक्चरिंग और डाटा एंट्री जैसे सेक्टर्स में देखने को मिल सकता है।
डिजिटली डेवेलप कंट्रीएआई का ओवरसीज नौकरियों पर असर इस आधार पर भी नजर आएगा कि उस देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है। अगर उस देश ने एआई ऑटोमेशन को बहुत ज्यादा नहीं अपनाया है तो वहां एआई से जुड़े मौके ज्यादा नहीं मिलेंगे। वहीं बहुत ज्यादा एआई का इस्तेमाल करने वाला देश भी कुछ सेक्टर में जॉब ऑप्शन देगा तो कुछ में मौके बिलकुल कम कर देगा।
नई जॉब कैटेगरीएआई कई नए जॉब सेक्टर बना रहा है, जैसे एआई ट्रेनर, डाटा साइंटिस्ट, एआई एथिसिस्ट और एक्सप्लेनेबिलिटी एक्सपर्ट आदि। इसलिए एक्सपर्ट्स जॉब सेक्टर में एआई के फायदे भी देखते हैं। उनका मानना है कि अगर आप खुद को अपडेट रखते हैं तो एआई से घबराने की जरूरत नहीं है।
कॉम्प्लेक्स जॉब में प्रोडक्टिविटीएआई ने कुछ जॉब में ऑटोमेशन कर दिया है, जिसके चलते उनमें इंसानों की जरूरत खत्म हो गई है। मगर इस तरह से वर्कर्स और ज्यादा कॉम्प्लेक्स, स्ट्रेटजी और क्रिएटिव जॉब पर फोकस कर पाएंगे। इसके चलते सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट, मार्केटिंग और कंसल्टिंग के क्षेत्र में प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।
एआई मेंटेनेंसएआई भले ही बहुत कुछ बना रहा हो लेकिन खुद इसे बनाने और मेनटेन करने वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत बढ़ती जा रही है। अब ऐसे स्किल्ड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है जो एआई सिस्टम को डेवलप, मैनेज और मेनटेन करने में माहिर हैं।
ह्यूमन सेंट्रिक स्किल्सऐसे देश जहां एआई को पूरी तरह अपना लिया गया है, वहां ह्यूमन सेंट्रिक स्किल्स वाली जॉब के मौके बढ़ेंगे। यहां ऐसी नौकरियों की जरूरत बढ़ेगी जिसमें क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, स्ट्रेटजिक थिंकिंग की जरूत होती है।
विदेश में जॉब चाहिए तोओवरसीज जॉब की चाहत रखने वाले कैंडिडेट्स को एआई और इससे जुड़े स्किल्स डेवलेप करने होंगे। एआई के साथ मिलकर काम करने वाले रोल भी चुने जा सकते हैं, जैसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट या कंसल्टिंग।
विदेशी धरती पर जॉब करने का सपना देखने से पहले जान लीजिए कि एआई ने शिफ्ट इन डिमांड के साथ जॉब ऑप्शन का पैरामीटर कितना बदला है। इसके चलते जहां रूटीन जॉब्स कम हुई हैं तो वहीं नई नौकरियों की भरमार भी होने लगी है। विदेशी नौकरियों पर एआई का जादू कितना और कैसा चला है, जानिए।
13.3 करोड़ नई जॉब्सवर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक एआई ग्लोबली 7.5 करोड़ जॉब्स को कम कर देगा। लेकिन 13.3 करोड़ नई नौकरियां बनाएगा भी। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि 5.8 करोड़ नई जॉब की वजह एआई ही होगा। जॉब पाने की सबसे बड़ी शर्त अब AI स्किल है… और आप NBT AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप में सीट बुक करके अपनी जीत की चाबी पा सकते हैं।
कौन-सी जॉब्स कम हो जाएंगी?एआई से सिर्फ नौकरियां मिलेंगी नहीं बल्कि इसकी वजह से कुछ सेक्टर में नौकरियां कम होंगी ही। विदेश में जॉब करने की चाहत रखते हैं तो जान लीजिए कि एआई हर सेक्टर में जॉब बढ़ा ही नहीं रहा है बल्कि कुछ जॉब रोल्स को कम भी कर रहा है।
रूटीन वर्कहर सेक्टर में ऐसे काम होते हैं, जिन्हें करना ही होता है। इन्हें रूटीन टास्क कह सकते हैं। एआई ऐसे कामों को रिप्लेस कर रहा है। इसका असर कस्टमर सर्विस, मैन्यूफैक्चरिंग और डाटा एंट्री जैसे सेक्टर्स में देखने को मिल सकता है।
डिजिटली डेवेलप कंट्रीएआई का ओवरसीज नौकरियों पर असर इस आधार पर भी नजर आएगा कि उस देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है। अगर उस देश ने एआई ऑटोमेशन को बहुत ज्यादा नहीं अपनाया है तो वहां एआई से जुड़े मौके ज्यादा नहीं मिलेंगे। वहीं बहुत ज्यादा एआई का इस्तेमाल करने वाला देश भी कुछ सेक्टर में जॉब ऑप्शन देगा तो कुछ में मौके बिलकुल कम कर देगा।
नई जॉब कैटेगरीएआई कई नए जॉब सेक्टर बना रहा है, जैसे एआई ट्रेनर, डाटा साइंटिस्ट, एआई एथिसिस्ट और एक्सप्लेनेबिलिटी एक्सपर्ट आदि। इसलिए एक्सपर्ट्स जॉब सेक्टर में एआई के फायदे भी देखते हैं। उनका मानना है कि अगर आप खुद को अपडेट रखते हैं तो एआई से घबराने की जरूरत नहीं है।
कॉम्प्लेक्स जॉब में प्रोडक्टिविटीएआई ने कुछ जॉब में ऑटोमेशन कर दिया है, जिसके चलते उनमें इंसानों की जरूरत खत्म हो गई है। मगर इस तरह से वर्कर्स और ज्यादा कॉम्प्लेक्स, स्ट्रेटजी और क्रिएटिव जॉब पर फोकस कर पाएंगे। इसके चलते सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट, मार्केटिंग और कंसल्टिंग के क्षेत्र में प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।
एआई मेंटेनेंसएआई भले ही बहुत कुछ बना रहा हो लेकिन खुद इसे बनाने और मेनटेन करने वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत बढ़ती जा रही है। अब ऐसे स्किल्ड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है जो एआई सिस्टम को डेवलप, मैनेज और मेनटेन करने में माहिर हैं।
ह्यूमन सेंट्रिक स्किल्सऐसे देश जहां एआई को पूरी तरह अपना लिया गया है, वहां ह्यूमन सेंट्रिक स्किल्स वाली जॉब के मौके बढ़ेंगे। यहां ऐसी नौकरियों की जरूरत बढ़ेगी जिसमें क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस, स्ट्रेटजिक थिंकिंग की जरूत होती है।
विदेश में जॉब चाहिए तोओवरसीज जॉब की चाहत रखने वाले कैंडिडेट्स को एआई और इससे जुड़े स्किल्स डेवलेप करने होंगे। एआई के साथ मिलकर काम करने वाले रोल भी चुने जा सकते हैं, जैसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट या कंसल्टिंग।
You may also like

The Family Man Season 3 OTT Release Date: जानिए कब और कहां देख सकेंगे मनोज बाजपेयी की जासूसी थ्रिलर सीरीज – Udaipur Kiran Hindi

होंडा ला रही 0 सीरीज SUV, सिंगल चार्ज में चलेगी 482 किमी तक — डिजाइन और फीचर्स का खुलासा – Udaipur Kiran Hindi

बनारस महोत्सव हस्तशिल्प मेला में दिखा भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों का संगम

बीडा क्षेत्र में होगा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का विकास : मुख्यमंत्री

रानी द्विवेदी को सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति देने का निर्देश




