बवासीर (Hemorrhoids) एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या है, जिसे आमतौर पर मल त्यागते समय दर्द, सूजन और रक्तस्राव के रूप में महसूस किया जाता है। यह समस्या तनाव, अस्वस्थ आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण उत्पन्न हो सकती है। हालांकि, इस समस्या का इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध कई प्रभावी उपायों से किया जा सकता है। त्रिफला, एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक मिश्रण, बवासीर के उपचार में बेहद फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा, कुछ अन्य आयुर्वेदिक उपचार भी बवासीर से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
1. त्रिफला का सेवन करें
त्रिफला आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध मिश्रण है, जो तीन फलों – आमला, बिभीतक और हरितकी – से बना होता है। यह मिश्रण पाचन को सुधारने, आंतों को साफ करने, और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला बेहद प्रभावी है क्योंकि यह आंतों की मूवमेंट को नियमित करता है, कब्ज को रोकता है, और मल त्याग को सरल बनाता है।
सेवन विधि:
- रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी में डालकर सेवन करें।
- इसे लगातार 1-2 सप्ताह तक सेवन करें ताकि आपको बवासीर से राहत मिले।
2. आंवला का सेवन करें
आंवला (Indian Gooseberry) बवासीर के इलाज में बेहद प्रभावी है, क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुधारता है और आंतों की सेहत को बढ़ाता है। इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
सेवन विधि:
- रोजाना आंवला का ताजा रस 1-2 चम्मच सुबह खाली पेट लें।
- आप आंवला चूर्ण को भी शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।
3. अश्वगंधा का उपयोग करें
अश्वगंधा (Withania somnifera) एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो शरीर को ताकत और ऊर्जा देती है। यह बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है और शरीर को आराम देती है।
सेवन विधि:
- अश्वगंधा का चूर्ण 1/2 चम्मच रोजाना गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
4. एलोवेरा जेल का उपयोग करें
एलोवेरा (Aloe Vera) में सूजन कम करने और त्वचा की सेहत को सुधारने के गुण होते हैं। बवासीर में होने वाली सूजन और जलन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आंतों को भी शांत करता है।
उपयोग विधि:
- एलोवेरा जेल को बवासीर के प्रभावित हिस्से पर सीधे लगाएं।
- इसे 10-15 मिनट तक छोड़ने के बाद धो लें। यह जलन और सूजन को कम करेगा।
5. त्रिफला और शहद का संयोजन
त्रिफला और शहद का संयोजन भी बवासीर के इलाज में मदद कर सकता है। शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होता है, जो बवासीर की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है।
सेवन विधि:
- 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में 1-2 बार सेवन करें।
बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद के उपाय बेहद कारगर होते हैं। त्रिफला, आंवला, अश्वगंधा, एलोवेरा और शहद जैसे प्राकृतिक तत्व बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इन उपायों के साथ-साथ सही आहार और जीवनशैली का पालन करना भी जरूरी है। बवासीर से छुटकारा पाने के लिए इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, और अगर समस्या बढ़े, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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