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क्या पित्त की थैली की पथरी बदल देती है यूरिन का रंग? जानें डॉक्टर की राय

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पित्त की थैली (Gallbladder) में पथरी की समस्या आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या खासकर महिलाओं में अधिक देखी जाती है। आमतौर पर इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, अपच, मतली और उल्टी देखी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पित्त की थैली में पथरी होने पर आपके यूरिन (मूत्र) का रंग भी बदल सकता है?

इस सवाल को लेकर अक्सर मरीजों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। आइए जानें विशेषज्ञों की राय और चिकित्सा विज्ञान की नज़र से इस संबंध की पूरी जानकारी।

पित्त की थैली में पथरी क्या है?

पित्त की थैली शरीर का वह अंग है जो लिवर द्वारा बनाए गए पित्त रस (bile) को संग्रहित करता है। पित्त रस का उपयोग वसा पचाने में होता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य तत्व असंतुलित हो जाते हैं, तो वह धीरे-धीरे जमकर पथरी का रूप ले लेते हैं। इसे ही गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) कहा जाता है।

क्या पथरी से यूरिन का रंग बदलता है?

इस सवाल पर एम्स, दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य सिंह बताते हैं कि “अगर पित्त की थैली में पथरी सिर्फ वहीं तक सीमित है और किसी नली (बाइल डक्ट) को अवरुद्ध नहीं कर रही है, तो यूरिन के रंग में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता। लेकिन जैसे ही पथरी पित्त नली (Common Bile Duct) को ब्लॉक करती है, तो शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है। यही बिलीरुबिन यूरिन में भी पहुंचता है और उसका रंग गहरा पीला या भूरा हो सकता है।”

इस स्थिति को ऑब्स्ट्रक्टिव जॉन्डिस (Obstructive Jaundice) कहा जाता है।

बदलते हुए यूरिन रंग का संकेत – किन स्थितियों में?

गहरा पीला या भूरा यूरिन: पित्त की नली में रुकावट या पथरी के कारण लिवर से पित्त बाहर नहीं निकल पाता और बिलीरुबिन शरीर में बढ़ जाता है, जिससे यूरिन गहरा हो जाता है।

झागदार यूरिन: अगर लिवर या गॉलब्लैडर की कार्यप्रणाली बाधित हो तो प्रोटीन और बिलीरुबिन की अधिकता के कारण मूत्र झागदार हो सकता है।

सामान्य से कम यूरिन आना: दर्द और अपच के कारण पानी का कम सेवन भी मूत्र को गहरा बना सकता है, जो भ्रम उत्पन्न कर सकता है।

पथरी के अन्य प्रमुख लक्षण – केवल यूरिन नहीं

पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में तेज दर्द

भोजन के बाद भारीपन या गैस

मतली या उल्टी

बुखार (अगर संक्रमण हो गया हो)

आंखों या त्वचा में पीलापन (अगर पथरी ने पित्त प्रवाह को रोका हो)

जांच और इलाज कैसे होता है?

यदि आपको बार-बार गहरे रंग का यूरिन आ रहा है और उसके साथ अन्य लक्षण भी मौजूद हैं, तो डॉक्टर निम्न जांचें कर सकते हैं:

अल्ट्रासाउंड: गॉलब्लैडर में स्टोन का पता लगाने के लिए।

लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT): यह बिलीरुबिन के स्तर को दर्शाता है।

यूरिन टेस्ट: पेशाब में बिलीरुबिन या संक्रमण की जांच के लिए।

एमआरसीपी या ईआरसीपी: अगर पथरी नली में फंसी है, तो उसकी स्थिति जानने के लिए।

इलाज में दवा से राहत मिल सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में सर्जरी (गॉलब्लैडर हटाना) ही स्थायी समाधान होती है।

बचाव के उपाय

तैलीय और अधिक कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन से परहेज करें

नियमित व्यायाम करें

समय पर खाना खाएं और उपवास से बचें

शरीर को हाइड्रेट रखें

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