बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव बुधवार को राघोपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर एक बार फिर अपने परिवार की परंपरागत सीट से चुनावी मैदान में उतर गए हैं। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से लालू परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ा रहा है।
प्रिय बिहारवासियों,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 15, 2025
आज राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन किया। रास्ते भर और नामांकन के दौरान आप सभी लोगों के प्यार, दुलार और आशीर्वाद से अभिभूत हूँ। ये नामांकन ऐतिहासिक है। राघोपुर और बिहार इस नामांकन के साथ विकास का एक नया अध्याय लिख चुका हैं। ये नामांकन खाली तेजस्वी का नहीं… pic.twitter.com/GGUilrBAad
यही वह सीट है, जिसने बिहार की राजनीति को दो मुख्यमंत्री (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी) और एक उपमुख्यमंत्री (तेजस्वी यादव) दिए हैं। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को तीन केंद्रीय मंत्री देने का भी गौरव हासिल है, जिनमें रामविलास पासवान, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं, जो हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनकर संसद तक पहुंचे।
माननीय श्री तेजस्वी यादव जी ने 128-राघोपुर विधानसभा से नामांकन किया। pic.twitter.com/fA7auqNeVH
— Office of Tejashwi Yadav (@TejashwiOffice) October 15, 2025
राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है और आज भी इस समुदाय का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (लोकसभा) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है। 1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया। इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे।
1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। 1995 और 2000 में लालू प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की। 2000 के उपचुनाव और 2005 में राबड़ी देवी ने यहां से दो बार चुनाव जीता। इसके बाद 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की।
राघोपुर भौगोलिक रूप से वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर की तुलना में राज्य की राजधानी पटना के अधिक निकट है। इसके बावजूद, इस क्षेत्र को अब तक कोई ठोस विकास कार्य का लाभ नहीं मिल पाया है। फिलहाल, आगामी विधानसभा चुनाव में राघोपुर फिर से आरजेडी के प्रभाव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व की परीक्षा का केंद्र बनने जा रहा है।
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