बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के हालिया बयान ने कांग्रेस के आगामी कदमों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक को “अत्यंत अहम” बताते हुए उम्मीद जताई है कि पार्टी बिहार की जनता के हित में एक ऐतिहासिक और मजबूत निर्णय लेगी।#WATCH दिल्ली: कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा,' सीईसी की बैठक तो बहुत महत्वपूर्ण होती है। मुझे लगता है कि कांग्रेस बिहार की जनता के लिए मजबूत निर्णय लेगी।" pic.twitter.com/PvhoINu1BT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 14, 2025
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा — “सीईसी की बैठक बहुत मायने रखती है। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस बिहार के लिए निर्णायक फैसला लेगी।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य की राजनीतिक तस्वीर लगातार बदल रही है और सभी दल गठबंधन समीकरणों को अंतिम रूप देने की कवायद में जुटे हुए हैं।
बदलते समीकरण और कांग्रेस की बढ़ती भूमिका
बिहार में इस समय चुनावी समीकरणों का नया दौर शुरू हो चुका है। महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दूसरी ओर, जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव भी लगातार विपक्षी दलों के साथ तालमेल की कोशिश कर रहे हैं, ताकि या तो एकजुट मोर्चे के तहत चुनाव लड़ें या स्वतंत्र रूप से एक मजबूत विकल्प के रूप में सामने आएं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यादव का यह बयान कांग्रेस के साथ किसी संभावित रणनीतिक गठजोड़ की ओर इशारा करता है। हालांकि, अभी तक किसी भी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। फिर भी, कांग्रेस नेतृत्व राज्य में बदलते सियासी समीकरणों पर बारीकी से नजर रख रहा है और हर संभावित स्थिति के लिए रणनीति तैयार की जा रही है।
कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं हैं। पार्टी को एक तरफ सीट बंटवारे की पेचीदगियों से निपटना है, वहीं दूसरी ओर संगठनात्मक मजबूती की चुनौती भी उसका इंतजार कर रही है। सीईसी की बैठक में उम्मीदवार चयन, प्रचार रणनीति, और गठबंधन की दिशा पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। कांग्रेस का मकसद इस बार सिर्फ विपक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना नहीं, बल्कि जनता के भरोसे को फिर से जीतना है। इसके लिए पार्टी सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है।
पप्पू यादव का कांग्रेस को संदेश — जनता के मुद्दों पर दें ध्यान
पप्पू यादव ने कांग्रेस से उम्मीद जताई कि वह जमीनी मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति बनाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता आज बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा और महंगाई जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे में, कांग्रेस को जनता से जुड़ने वाले एजेंडे के साथ मैदान में उतरना चाहिए ताकि लोगों में पार्टी के प्रति विश्वास पैदा हो सके। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि “कांग्रेस अगर जनता की भावनाओं को समझे और सीधे संवाद स्थापित करे, तो वह फिर से बिहार की राजनीति में मजबूत वापसी कर सकती है।”
बढ़ती चुनावी सरगर्मी में कांग्रेस का अगला कदम अहम
बिहार की राजनीति इस समय बेहद संवेदनशील मोड़ पर है। हर दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटा है, वहीं कांग्रेस की सीईसी बैठक को लेकर पूरे राज्य में राजनीतिक हलचल मची हुई है। पप्पू यादव के इस बयान के बाद अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कांग्रेस वास्तव में कौन-सा ‘मजबूत निर्णय’ लेती है — क्या वह विपक्षी एकता को मजबूत करेगी, या कोई नया राजनीतिक अध्याय लिखेगी?
अगले कुछ दिनों में यह तय हो जाएगा कि बिहार के 2025 के चुनावी रण में कांग्रेस की भूमिका निर्णायक मोर्चे की होगी या वैकल्पिक नेतृत्व के रूप में उभरेगी।
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