भारत पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि बीजिंग भारत की तीन अहम चिंताओं को दूर करने में मदद करेगा। सूत्रों के मुताबिक, चीन ने आश्वासन दिया है कि वह भारत को फर्टिलाइज़र, रेयर अर्थ मिनरल्स और सुरंग खोदने वाली अत्याधुनिक मशीनों की आपूर्ति करेगा। यह भरोसा ऐसे समय में दिया गया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी शुल्क लगाकर दबाव बढ़ा दिया है।
ध्यान देने वाली बात है कि रेयर अर्थ मिनरल्स आज की दुनिया में रणनीतिक संसाधन माने जाते हैं। इलेक्ट्रिक गाड़ियां, पवन ऊर्जा संयंत्र और रक्षा उद्योग इन पर निर्भर हैं। भारत लंबे समय से चीन के साथ इनकी निर्बाध आपूर्ति को लेकर संवाद करता आ रहा है।
सीमा पर तनाव घटाने की पहल
जयशंकर और वांग यी की मुलाकात में सिर्फ आर्थिक सहयोग ही नहीं, बल्कि सीमा विवाद पर भी बात हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि भारत-चीन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए “स्पष्ट और सकारात्मक सोच” ज़रूरी है। उन्होंने जोर दिया कि रिश्ते आपसी संवेदनशीलता, सम्मान और साझा हितों की नींव पर टिके होने चाहिए।
उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता बताई। गौरतलब है कि पिछले चार साल से सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं और स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है।
रिश्तों में नई शुरुआत की कोशिश
दिल्ली पहुंचते ही वांग यी और जयशंकर के बीच लंबी वार्ता हुई। यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में जाने वाले हैं।
2020 में गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष ने भारत-चीन संबंधों में गहरा अविश्वास पैदा कर दिया था। इस पृष्ठभूमि में वांग का यह दौरा दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्तों को सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
आतंकवाद पर भी कड़ा रुख
बातचीत के दौरान जयशंकर ने यह साफ किया कि भारत आतंकवाद को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में मानता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मामले में किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जयशंकर ने याद दिलाया कि अपनी पिछली बीजिंग यात्रा में भी उन्होंने भारत की कुछ खास चिंताओं को उठाया था। उन्होंने कहा, “हमने रिश्तों में मुश्किल वक्त देखा है, लेकिन अब वक्त है कि दोनों देश आगे बढ़ें। इसके लिए हमें पारदर्शी और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा।”
तीन मूलभूत सिद्धांतों पर सहमति की कोशिश
जयशंकर ने वार्ता में तीन बुनियादी सिद्धांतों को सामने रखा — परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता,और परस्पर हित।
उन्होंने कहा कि मतभेदों को विवाद में बदलना नुकसानदेह है और प्रतिस्पर्धा को टकराव की शक्ल नहीं लेनी चाहिए।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे। दोनों को सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि (SR) की भूमिका दी गई है। मंगलवार को होने वाली यह वार्ता भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
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