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अकाली दल ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार क्यों किया? खुद बताई वजह

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पंजाब की प्रमुख राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार ने हाल ही में आए विनाशकारी बाढ़ के दौरान पंजाब के लोगों की कोई सार्थक मदद नहीं की।

अकाली दल का संदेश

पार्टी की एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर बठिंडा से लोकसभा में हैं और राज्यसभा में उनकी कोई प्रतिनिधि नहीं है। अकाली दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि पंजाब का लगभग एक-तिहाई क्षेत्र बाढ़ में डूबा हुआ है। घर, फसलें और अन्य संपत्ति पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।



पार्टी ने कहा, "यह पंजाब सरकार की लापरवाही और अक्षमता के कारण हुई मानव-निर्मित त्रासदी है। न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार पंजाबियों की मदद के लिए आगे आया। लोग केंद्र सरकार से बेहद नाराज़ हैं क्योंकि राज्य की दुर्दशा के बावजूद उपराष्ट्रपति चुनाव कराया जा रहा है।"


अकाली दल का दावा है कि वे पंजाब के लोगों की भावनाओं और आवाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उन्होंने चुनाव से दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया।

अन्य पार्टियों का रुख

शिरोमणि अकाली दल के अलावा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। बीआरएस ने तेलंगाना के किसानों के प्रति केंद्र की मदद की कमी का हवाला दिया, जबकि बीजद ने कहा कि वे एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार


इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक द्वारा समर्थित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी और एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन आमने-सामने हैं। दोनों ही ब्लॉकों ने सुनिश्चित किया है कि मतदान के दौरान कोई भी अवैध वोट न डाला जाए।

एक भाजपा नेता का कहना है कि एनडीए उम्मीदवार को कम से कम 427 वोट मिलने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस नेताओं का दावा है कि विपक्षी उम्मीदवार को 324 से अधिक वोट मिलेंगे।

उपराष्ट्रपति पद का रिक्त होना

उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के तहत होता है। इसे संसद के दोनों सदनों के सांसद निर्वाचक मंडल के रूप में आयोजित करते हैं।

चुनाव आयोग इस चुनाव को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत अधिसूचित करता है। अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है, जिसमें मतदान गुप्त रखा जाता है।

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