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मध्य प्रदेश में चालू रबी सीजन में गेहूं खरीद 85 लाख मीट्रिक टन पहुंचने का अनुमान

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भोपाल, 6 मई . मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद का आंकड़ा 85 लाख मीट्रिक टन (एमटी) रहने का अनुमान है. यह सरकार की ओर से निर्धारित किए गए खरीद के लक्ष्य 80 लाख एमटी से अधिक है.

सरकार ने मंगलवार को बताया कि करीब 8.76 लाख पंजीकृत किसानों से 76 लाख एमटी गेहूं की खरीद की जा चुकी है. खरीद प्रक्रिया, जिसमें केवल पंजीकृत किसानों से ही तौल करना शामिल है, अतिरिक्त पांच दिनों तक जारी रहेगी.

राज्य ने 15 मार्च को गेहूं खरीद अभियान शुरू किया था और अपने 4,000 निर्धारित खरीद केंद्रों पर 2,600 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत की पेशकश की थी.

पिछले साल मध्य प्रदेश में 5.85 लाख किसानों से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. जल्द ही अपडेटेड आंकड़े आने की उम्मीद है, मंगलवार तक खरीद 81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है.

सरकार को अब इस सीजन में कुल 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद होने की उम्मीद है.

इसके अलावा सरकार ने घोषणा की कि अब तक किसानों को उनकी उपज के भुगतान के लिए 16,472 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं.

कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्य सरकार ने एसएमएस के माध्यम से किसानों को पंजीकृत किया और एक समर्पित वेब या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से घर से नामांकन करने का विकल्प प्रदान किया.

किसान ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और तहसील कार्यालयों में स्थित सुविधा केंद्रों पर भी पंजीकरण करा सकते हैं.

केंद्र सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को भी संशोधित किया है, इसे 2025-26 के रबी मार्केटिंग सीजन के लिए 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,425 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

हालांकि, मध्य प्रदेश 2,600 रुपए प्रति क्विंटल का खरीद मूल्य प्रदान करेगा, जिसमें 175 रुपए प्रति क्विंटल की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी शामिल है.

मध्य प्रदेश में सीहोर, उज्जैन, नर्मदापुरम, हरदा, रायसेन और देवास जिलों में मालवा पठार के कम वर्षा वाले क्षेत्र में शरबती और डरम जैसी कुछ कम सिंचित उच्च उपज वाली किस्में उगाई जाती हैं.

इन सभी किस्मों में से शरबती सबसे पसंदीदा किस्म है क्योंकि इसमें उच्च प्रोटीन होता है.

एबीएस/एबीएम

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