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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए लागू हो सकता है ऑड-ईवन

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर . राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण और यमुना प्रदूषण के मुद्दे को लेकर राज्य की आप सरकार पर भाजपा-कांग्रेस लगातार हमलावर है. गुरुवार को जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आईटीओ स्थित छठ घाट पर यमुना में डुबकी लगाई, वहीं 21 अक्टूबर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव कालिंदी कुंज स्थित यमुना घाट का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे.

भाजपा-कांग्रेस की ओर से लगातार दिल्ली सरकार पर दिल्ली की जनता को ठगने का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि, दिल्ली सरकार 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान के तहत काम कर रही है. धूल प्रदूषण, वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार अभियान चला रही है. हाल ही में दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान की शुरुआत की.

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने से कहा, “इस समय राजनीति से बचना चाहिए क्योंकि राजनीति करने से दिल्ली का प्रदूषण कम नहीं होगा. सभी के सहयोग से ही दिल्ली में प्रदूषण कम किया जा सकता है.” उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए भाजपा की पड़ोसी राज्यों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.

प्रदूषण पर दिल्ली सरकार खुद का बचाव कर रही है. लेकिन, दिल्ली की हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है. गुरुवार को पटपड़गंज में एक्यूआई 310, नेहरू नगर में 313, आनंद विहार में 363, विवेक विहार में 334 और मंदिर मार्ग में 317 दर्ज किया गया.

आने वाले दिनों में अगर दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी रहती है तो दिल्ली सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू कर सकती है. इस फॉर्मूले के तहत सड़कों पर वाहनों की संख्या निर्धारित कर दी जाती है जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके. ऑड-ईवन लागू होने पर सड़कों पर ऑड वाले दिन ऑड नंबर की गाड़ियां चलती हैं और ईवन वाले दिन ईवन नंबर की गाड़ियां ही चलती हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार दीपावली के बाद इसे शुरुआती तौर पर एक सप्ताह के लिए लागू करेगी. आगे इस पर मिलने वाले रिस्पॉन्स के आधार पर इसे बढ़ाया जा सकता है.

दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि दिल्ली में एक्यूआई लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है. हालांकि, हमने कृत्रिम वर्षा के लिए लगातार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को भी पत्र लिखा है. एलजी से भी इस पर चर्चा की है क्योंकि दिल्ली में हालात खराब होते हैं तो पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृत्रिम वर्षा कराई जा सकती है.

डीकेएम/एकेजे

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