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वन्यजीव संरक्षण में भारत की ऐतिहासिक प्रगति, प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना

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New Delhi, 8 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Wednesday को देश में वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण और पिछले एक दशक में उनके आवासों के पुनरुद्धार में हासिल की गई उपलब्धियों की सराहना की. इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के एक लेख को शेयर किया, जिसमें पिछले एक दशक में वन्यजीव संरक्षण में India की महत्वपूर्ण प्रगति का विवरण दिया गया है.

Prime Minister मोदी ने Union Minister भूपेंद्र यादव के लेख पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा, “इस लेख में Union Minister भूपेंद्र यादव बताते हैं कि किस प्रकार India के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों, जिनका उद्देश्य प्रजातियों को संरक्षित करना और क्षीण आवासों को पुनर्स्थापित करना है, ने पिछले एक दशक में महत्वपूर्ण प्रगति की है.”

Prime Minister मोदी ने ‘अमृत काल का टाइगर विजन’ (टाइगर@2047), ‘प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड’, ‘प्रोजेक्ट चीता’ और ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ जैसी पहलों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये वन्यजीव संरक्षण के लिए विश्‍वास और आशा की किरण हैं.

बता दें कि Union Minister भूपेंद्र यादव ने अपने लेख में लिखा, “पिछले एक दशक में India में वन्यजीव संरक्षण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. इस अवधि में प्रजातियों के संरक्षण और क्षतिग्रस्त आवासों को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी पहल की गई हैं. India वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्षों का क्षेत्र 1,445 वर्ग किमी बढ़ा है, जिससे 2021 से अब तक कुल हरित क्षेत्र 25.17 प्रतिशत हो गया है, जिसमें 21.76 प्रतिशत वन क्षेत्र और 3.41 प्रतिशत वृक्ष क्षेत्र शामिल हैं.”

एफएओ के वैश्विक वन संसाधन आकलन 2020 का हवाला देते हुए भूपेंद्र यादव ने बताया कि 72.16 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र के साथ India शीर्ष 10 देशों में शामिल है.

उन्होंने लिखा, “संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता प्रमुख प्रजातियों का पुनरुत्थान रही है. India देश के 10 जैव-भौगोलिक क्षेत्रों में जीवों की 102,718 प्रजातियों की एक सूची तैयार करने वाला पहला देश है. बाघों की आबादी, जो कभी विलुप्त होने के कगार पर थी, में सराहनीय उछाल आया है.” Union Minister ने बताया कि पिछले एक दशक में बाघों की संख्या में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने बताया, “मई 2025 की जनगणना में 891 एशियाई शेर दर्ज किए गए, जो 2020 से 32 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाते हैं. 13,874 जानवरों के साथ, तेंदुओं की भी एक स्थिर आबादी है. India हिम तेंदुओं के लिए तीसरा सबसे बड़ा रेंज वाला देश है, जिनमें से 718 हिमालयी और ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में फैले हुए हैं.”

भूपेंद्र यादव ने अपने लेख में आगे लिखा, “ऊंचाई वाले हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख प्रजाति के रूप में इस जानवर के संरक्षण के महत्व को समझते हुए India ने स्थानीय समुदायों, राज्य Governmentों और संरक्षण भागीदारों को शामिल करके ‘प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड’ शुरू किया.”

इसी तरह Union Minister ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ और ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ की उपलब्धियों की बात की. उन्होंने अपने लेख में लिखा कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत इस पहल ने 1952 में विलुप्त होने के बाद चीतों की India में वापसी को चिह्नित किया.

उन्होंने बताया, “2020 में शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन ने आठ राज्यों में पहली बार व्यापक नदी डॉल्फिन सर्वेक्षण के साथ ऐतिहासिक सफलता हासिल की, जिसमें गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी प्रणालियों में अनुमानित 6,327 डॉल्फिन का पता चला.”

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “भविष्य में जलवायु संकट वन्यजीव आवासों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार प्रतिबद्धता और नए समाधानों की जरूरत है. हालांकि, India ने पिछले एक दशक में जो आधार तैयार किया है, वह इन चुनौतियों से निपटने के लिए आशा की मजबूत किरण है.”

डीसीएच/डीकेपी

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