New Delhi, 1 सितंबर . चिप डिजाइन, बौद्धिक संपदा (आईपी) निर्माण और हाई-वैल्यू इनोवेशन में भारत को ग्लोबल लीडर बनाने के उद्देश्य से Monday को सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन लीडरशिप फोरम लॉन्च किया गया.
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) द्वारा शुरू किए गए इस मंच का उद्देश्य पूंजी, एडवांस ईडीए टूल्स, आईपी अधिग्रहण, वैश्विक सहयोग और विशिष्ट सेमीकंडक्टर डिजाइन प्रतिभा तक पहुंच में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करना है.
इस मंच का उद्देश्य भारतीय इंजीनियरों के लिए देश में इनोवेशन और आईपी निर्माण को बढ़ावा देने हेतु एक सक्षम वातावरण तैयार कर भारत के लिए एक वैश्विक रूप से प्रभावशाली सेमीकंडक्टर डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करना है. इस प्रकार, आईसीईए फोरम डिजाइन-लिंक्ड प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना और अन्य नीतिगत पहलों का पूरक होगा.
इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा, “जैसा कि हम इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के माध्यम से फैब्रिक्स और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करते हैं, यह आवश्यक है कि हम डिजाइन इकोसिस्टम को भी मजबूत करें, क्योंकि यहीं वास्तविक मूल्य, स्वायत्तता और संप्रभुता निहित है.”
फोरम के अध्यक्ष, संदीप कुमार ने कहा कि फैबलेस कंपनियों, आईपी संस्थानों, टूल विक्रेताओं, सप्लाई चेन, मार्केटिंग और फंडिंग एजेंसियों को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य संरचनात्मक कमियों को दूर करना है.
इस फोरम में 80 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नीति आयोग और वैश्विक फर्मों के अधिकारी शामिल थे.
इस कार्यक्रम में घरेलू प्रोडक्ट डिजाइन कंपनियों, डीएलआई-मान्यता प्राप्त फर्मों, प्रारंभिक चरण के डिजाइन स्टार्टअप और वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम कंपनियों सहित सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के हितधारकों ने भाग लिया.
आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “आईसीईए सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन लीडरशिप फोरम हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि भारत को न केवल मैन्युफैक्चरिंग में, बल्कि चिप इनोवेशन में भी अग्रणी होना चाहिए. इस पहल के साथ, हम अगले दशक में 500 सफल सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन कंपनियों के विकास को गति देने की कल्पना करते हैं.”
50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली सरकारी योजनाओं के समर्थन से, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2024-25 में 45-50 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
सेमीकंडक्टर फैब्स स्कीम और योजना डिस्प्ले फैब्स स्कीम अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाली परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं. डीएलआई योजना प्रत्येक चिप डिजाइन स्टार्टअप के लिए 15 करोड़ रुपए तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है.
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एसकेटी/
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